इंडियन नेवी में शामिल हुआ भारत का ‘बाहुबली’, ब्रह्मोस और बराक जैसे विध्वंसक मिसाइलों से है लैस

भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमान की ओर से आईएनएस विशाखापत्तनम के कमीशनिंग के लिए मुंबई में आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की. स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम आज चालू होने के लिए पूरी तरह तैयार है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2021 11:49 AM

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना आज एक इतिहास रच दिया है. आज यानी रविवार को गाइडेड विध्वंसक मिसाइल विशाखापत्तनम या फिर भारत में ही बनाया गया ‘बाहुबली’ को नौसेना में शामिल किया गया. मिसाइलों और पनडुब्बी रोधी रॉकेटों से लैस अपने ही देश में बनाए गए ‘स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक विशाखापत्तनम’ को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया जा रहा है कि स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक विशाखापत्तनम ब्रह्मोस और बराक जैसे विध्वंसक मिसाइलों से लैस है.

अधिकारियों ने कहा कि रविवार को नौसेना की ओर से एक समारोह आयोजित किया गया. पश्चिमी नौसेना कमान में आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और टॉप नौसैनिक कमांडर शामिल हुए. उन्होंने कहा कि ‘विशाखापत्तनम’ सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध एवं संचार उपकरणों सहित घातक हथियारों तथा सेंसर से लैस है. उन्होंने कहा कि यह 35,000 करोड़ रुपये की परियोजना 15बी का पहला विध्वंसक है. इस परियोजना के तहत कुल चार युद्धपोत बनाए जा रहे हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमान की ओर से आईएनएस विशाखापत्तनम के कमीशनिंग के लिए मुंबई में आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की. स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम आज चालू होने के लिए पूरी तरह तैयार है.

भारतीय नौसेना के अधिकारियों के अनुसार, तकरीबन 30 नॉटिकल मील की गति से चलने में सक्षम इस युद्धपोत की लंबाई 164 मीटर और वजन 7500 टन है. इस योद्धपोत का डिजाइन नौसेना डिजाइन निदेशालय ने बनाया है, जिसका निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में किया गया है. यह देश का पहला पी-15बी क्लास का स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है.

Also Read: बेकार हो जाएंगे मिसाइल हमले, धरे रह जाएंगे चीन और पाकिस्तान के मंसूबे, आईएनएस ध्रुव करेगा ‘हिन्द’ की निगरानी

नौसेना के अधिकारी ने मीडिया को बताया कि इसके निर्माण में बहुत ही मजबूत और उच्च गुणवत्ता वाले स्वदेशी स्टील डीएमआर 249ए का उपयोग कर किया गया है. यह योद्धपोत ब्रह्मोस और बराक जैसे विध्वंसक मिसाइल से लैस है. इसके अलावा, यह कई तरह के हथियारों और सेंसर से लैस है, जिसमें सुपरसॉनिक सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम और शॉट रेंज गन, एंटी सबमरीन रॉकेट, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर एवं कम्युनिकेशन सूट शामिल है. इस युद्धपोत का मोटो (आदर्श वाक्य) ‘यशो लाभश्व’ है.

Next Article

Exit mobile version