नयी दिल्ली : भारत और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प की घटना के बाद दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि सीमा पर शांति बहाल के लिए दोनों ओर से बातचीत भी लगातार जारी है. बावजूद चीन अपनी सैनिकों की तैनाती सीमा पर करने से बाज नहीं आ रहा है. इधर मीडिया रिपोर्ट है कि भारत ने भी चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की पूरी तैयारी कर ली है. खबर है कि भारतीय सेना के जवानों को उसके लिए खास ट्रेनिंग भी दी रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के अर्धसैनिक बल ITBP को चीनी भाषा की ट्रेनिंग दी जा रही है. हिन्दी भाषा के साथ -साथ ये जवान अंग्रेजी और चीनी भाषा मंदारिन भी बोलना, लिखना सीख रहे हैं. जवानों को ऐसी ट्रेनिंग की आवश्यकता इसलिए हुई क्योंकि अक्सर दो देशों के जवान जब आमने सामने होते हैं तो आपस में बातचीत करने के लिए ये आवश्यक हो जाता है कि दोनों एक-दुसरे की भाषा समझ सकें.
जवानों को भाषा की जानकारी इसलिए भी जरूरी होती है क्योंकि चीन के साथ भारत की लगने वाली सीमावर्ती इलाकों में बर्फीले इलाकों में अर्धसैनिक बल ITBP के जवानों की तैनाती होती है और कई मौके पर चीनी सेना के जवानों और ITBP के जवान पेट्रोलिंग के दौरान आमने-सामने हो जाते हैं. वैसे में भाषा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए ITBP के मौजूदा डीजी एसएस देसवाल ने पिछले दो सालों के अंदर ट्रेनिंग के दौरान अपने जवानों के शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक और व्यवहारिक विकास को बेहतर बनाने की कोशिश की है. जवानों को खास तौर पर ट्रेनिंग भी दिया जा रहा है.
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बताया जा रहा है कि जवान भी चीनी भाषा जानने-सिखने में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. गौरतलब है कि हाल के दिनों में चीन की चाल को देखकर लद्दाख में भारतीय सेना को चौकन्ना कर दिया गया है.
खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन की हर चाल पर सेना के जवानों को पैनी नजर रखने का कहा है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीनी सेना के किसी भी गतिविधियों का सीमा पर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जवानों को पूरी छुट है. कुछ दिनों पहले ही खबर आयी थी कि चीन ने भारतीय सीमा से सटे अपने क्षेत्रों में करीब 40 हजार से अधिक सैनिकों की तैनाती लगातार जारी रखा है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra