केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे गुरुवार को घोषित किए गए. जिसमें इंदौर और सूरत को देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चुना गया. इंदौर ने लगातार सातवीं बार यह खिताब जीता, जबकि सूरत संयुक्त विजेता रहा. नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा.
शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र ने पहला स्थान पर
स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में ‘शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्यों’ की श्रेणी में महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया जिसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ रहे. पिछले सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश को सबसे स्वच्छ राज्य का खिताब मिला था. पश्चिम बंगाल के तीन शहर- मध्यमग्राम (444वां स्थान), कल्याणी (445वां स्थान) और हाओरा (446वां स्थान) निचले स्थान पर हैं. राज्यों की श्रेणी में निचले तीन स्थान पर राजस्थान, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं. सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले 3,970 शहरों में महाराष्ट्र के सासवड को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला. इस श्रेणी में छत्तीसगढ़ के पाटन को दूसरा और महाराष्ट्र के लोनावला को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ.
गंगा नदी के किनारे बसे शहरों में वाराणसी को सबसे स्वच्छ
गंगा नदी के किनारे बसे शहरों में वाराणसी को सबसे स्वच्छ चुना गया जिसके बाद प्रयागराज को स्थान मिला. उसके बाद बिजनौर, हरिद्वार, कन्नौज, पटना, ऋषिकेश, कानपुर, राजमहल आदि हैं. गंगा किनारे बसे 88 ऐसे शहरों में छपरा अंतिम स्थान पर है. मध्य प्रदेश के महू छावनी बोर्ड को सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड घोषित किया गया.
दिल्ली नगर निगम को 446 शहरी स्थानीय निकायों में 90वां स्थान
दिल्ली नगर निगम को 446 शहरी स्थानीय निकायों में 90वां स्थान मिला है. यह पहली बार है कि जब एमसीडी ने वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लिया है, क्योंकि पहले यह तीन निकायों में विभाजित था और 2022 में उसे पुन: एक निकाय में एकीकृत किया गया. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद को 446 शहरी स्थानीय निकायों में सातवां स्थान मिला है जबकि दिल्ली छावनी को छावनी बोर्ड श्रेणी में सातवां स्थान मिला है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजेताओं को पुरस्कृत किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए. इस अवसर पर केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे. आंकड़ों के अनुसार, स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में 4,447 शहरी स्थानीय निकायों ने भाग लिया और इसमें 12 करोड़ नागरिकों की प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं. सरकार का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है. इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि व्यापक भागीदारी के साथ किया गया यह सर्वेक्षण स्वच्छता के स्तर को ऊपर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम है.