नयी दिल्ली : प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है कि अगले एक-दो महीना तक मकान मालिक किरायदारों को किराया के लिए परेशान न करें. गृह मंत्रालय के अधिकारी इस पर विचार कर रहे हैं. लॉकडाउन होने के बाद भी जिस तरह से प्रवासी मजदूरों का रेला अपने घरों तक जाने के लिए उमड़ रहा है, उससे सरकार परेशान है. काम-धंधा बंद हो जाने के कारण प्रवासी मजदूराें के पास पैसा नहीं है कि वह मकान मालिक को किराया चुका पाएं. कंझावला में रहने वाले मोइद्दीन (बिहार) और समीर उरांव (झारखंड) के अपने परिवार सहित घर जाने का भी यही कारण है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मकान मालिकों से यह अनुरोध किया है कि वह किरायेदारों से एक-दो महीना का किराया बाद में ले लें. दूसरी ओर नोएडा-ग्रेटर नोएडा से हो रहे पलायन को रोकने के लिए गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने सभी मकान मालिकों के लिए आदेश जारी किया है कि कोई भी मकान मालिक अगले एक महीने तक किसी किरायेदार से किराया नहीं मांगेगा. यदि किसी मकान मालिक ने इस आदेश का उल्लंघन किया, तो उसे एक साल की जेल हो सकती है. लॉकडाउन के कारण दिल्ली और यूपी की सड़कों पर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जाने के लिए मजदूरों का रेला लगा हुआ है. कभी इसी सड़क पर ठेला और रिक्शा चलाकर गुजारा करने वाले मजदूर आज रोजी-रोटी के संकट के कारण अपने गांव जाने को मजबूर हैं.