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INS विक्रांत भारतीय नौसेना में शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचीन में देश के पहले स्वदेशी युद्धपोत INS विक्रांत को भारतीय नौसेना को समर्पित किया. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे.
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समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान- PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, सेनाओं में किस तरह बदलाव आ रहा है उसका एक पक्ष मैं देश के सामने रखना चाहता हूं, विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी. समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है.
भारत ने गुलामी के एक निशान अपने सीने से उतारा- पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है. आज भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है. आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है. अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी. लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा.
यह युद्धपोत से ज़्यादा तैरता हुआ एयरफ़ील्ड- पीएम
यह युद्धपोत से ज़्यादा तैरता हुआ एयरफ़ील्ड है, यह तैरता हुआ शहर है. इसमें जतनी बिजली पैदा होती है उससे 5,000 घरों को रौशन किया जा सकता है. इसका फ्लाइंग डेक भी दो फुटबॉल फ़ील्ड से बड़ा है. इसमें जितने तार इस्तेमाल हुए हैं वह कोचीन से काशी तक पहुंच सकते हैं. पीएम मोदी ने आगे कहा INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है. ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है. इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है.
भारतीय एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी- PM
समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, केरल के समुद्री तट पर पूरा भारत एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है. INS विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन, विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है.
आईएनएस विक्रांत भव्य है, विशेष है- पीएम
पीएम मोद ने कहा विक्रांत बड़ा और भव्य है, विक्रांत अलग है, विक्रांत विशेष है. विक्रांत सिर्फ एक युद्धपोत नहीं है, यह 21वीं सदी के भारत की कड़ी मेहनत, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
आज भारत के बुलंद होते हौसले- पीएम
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज यहाँ केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है. INS विक्रांत पर हो रहा ये आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है.
भारतीय नौसेना अब और होगी मजबूत- राजनाथ
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय नौसेना हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संकटों के लिए पहली प्रतिक्रिया के रूप में तैयार है. आईएनएस विक्रांत के चालू होने से भारतीय नौसेना की क्षमता और मजबूत होगी.
नए नौसेना ध्वज का पीएम मोदी ने किया अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के कोच्चि में नए नौसेना ध्वज का अनावरण किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, सीएम पिनाराई विजयन भी मौजूद रहे.
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PM मोदी पहुंचे कोचीन शिपयार्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोचिन में स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां देश के पहले स्वदेशी युद्धपोत INS विक्रांत को भारतीय नौसेना को समर्पित करेंगे. जानकारी के अनुसार पीएम 10 बजे कार्यक्रम को संबोधित करेंगे.
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समंदर में दिखेगा भारत की ताकत
स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर IAC विक्रांत भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा और जटिल युद्धपोत है इसका नाम 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर रखा गया है, जो पूरी तरह से तैयार है.
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नए नौसेना ध्वज का भी अनावरण
पीएम नरेंद्र मोदी कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से लैस युद्धपोत का जलावतरण करेंगे. प्रधानमंत्री इस अवसर पर औपनिवेशिक अतीत को खत्म करते हुए नए नौसेना ध्वज (निशान) का भी अनावरण करेंगे. मोदी ने दो सितंबर की तारीख को रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनने की दिशा में भारत के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया है क्योंकि देश में डिजाइन और निर्मित किए गए पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को सेवा में शामिल किया जाएगा.
भारतीय नौसेना के बेड़े में आज शामिल होगा INS Vikrant
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शुक्रवार को पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत' को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल करेंगे. यह भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जहाज है. मोदी कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बने स्वदेशी अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से युक्त विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत का जलावतरण करेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नये नौसैनिक ध्वज (निशान) का भी अनावरण करेंगे, जो औपनिवेशिक अतीत को पीछे छोड़ते हुए समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप होगा.