बेरोजगारीः विश्वकप में जीत दिलाने वाली कबड्डी खिलाड़ी को देश में नहीं मिली नौकरी, जाना पड़ा अमेरिका
कबड्डी खिलाड़ी गिल ने सरकारी नौकरी के लिए कई बार हरियाणा सरकार के आगे गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई थी. नौकरी के लिए रामभतेरी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की हुई हैं.
फतेहाबाद (हरियाणा) : नौकरी की तलाश में तीन बार विश्वकप में जीत दिलाने वाली अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी अमेरिका पहुंच गईं. खेल में शानदार प्रदर्शन करने वाली ये खिलाड़ी हरियाणा कबड्डी टीम की कप्तान रह चुकी है. दुनिया में पहचान बनाने वाली रामभतेरी गिल को जब अपने देश में सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई तो उसे मजबूरन खेल छोड़ना पड़ा. अब रोजगार पाने ललक में पिछले सप्ताह अमेरिका चली गईं. ये फतेहाबाद जिले के गांव समैन की रहने वाली हैं.
हरियाणा सरकार के आगे गुहार
कबड्डी खिलाड़ी गिल ने सरकारी नौकरी के लिए कई बार हरियाणा सरकार के आगे गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई थी. नौकरी के लिए रामभतेरी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की हुई हैं. उनकी याचिका अभी विचाराधीन है. वहीं अमेरिका से जानकारी देते हुए कबड्डी के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दलबीर चौधरी ने बताया कि रामभतेरी रोजगार के लिए अमेरिका पहुंची हैं. दलबीर चौधरी भी मूल रूप से गांव समैन के रहने वाले हैं और मौजूदा समय में अमेरिका के स्थायी निवासी हैं. दलबीर चौधरी ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि रामभतेरी एक प्रतिभावान खिलाड़ी हैं. उसकी कप्तानी में हरियाणा की महिला कबड्डी टीम ने दो बार चैंपियनशिप जीती है. सरकार अच्छे खिलाड़ियों को रोजगार जरूर दे, ताकि उनका मनोबल बढ़े. नहीं तो प्रतिभावान खिलाड़ी रोजगार की तलाश में खेल को ऐसे ही छोड़ते रहेंगे.
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जिले का नाम रोशन कर चुकी हैं गिल
बता दें कि रामभतेरी गिल ने पंजाब सरकार की ओर से 2012, 2013 व 2014 में करवाए गए कबड्डी के तीन अलग-अलग विश्व कप में भारत की महिला टीम में खेलते हुए विजय दिलवाई. इसके अलावा रामभतेरी गिल हरियाणा व पंजाब में हुए विभिन्न कबड्डी टूर्नामेंटों में अपनी टीम को जीत दिलवा कर जिले का नाम रोशन कर चुकी हैं.
किसान परिवार से हैं रामभतेरी
बीए पास रामभतेरी गिल गांव समैन के साधारण किसान परिवार से संबंध रखती हैं. रामभतेरी के पिता रघुबीर सिंह गांव में ही खेतीबाड़ी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. मां गृहिणी हैं. परिवार में रामभतेरी की दो बहन और दो भाई भी हैं.
खेल कोच का डिप्लोमा भी कर रखा
ऐसा भी नहीं है कि रामभतेरी के पास योग्यता नहीं है. रामभतेरी ने खेल के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं. रामभतेरी ने फिजिकल एजुकेशन में बीपीएड, एमपीएड करने के अलावा खेल कोच के लिए जरूरी एनआईएस से डिप्लोमा भी किया हुआ है.
ये रहा है कबड्डी में रामभतेरी की सफलता का सफर
साल 2013, 2014 व 2016 में पंजाब में हुए कबड्डी के विश्व कप में भारतीय महिला टीम का हिस्सा बनकर विजय दिलाई. तीनों बार ही रामभतेरी को बेस्ट रेडर का अवॉर्ड मिला. साल 2012, 2021 व 2022 में रामभतेरी ने कबड्डी की नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेते हुए अपनी टीम को विजय दिलाई और गोल्ड मेडल जीता. बॉक्सिंग में भी रामभतेरी ने राज्य स्तरीय खेलों में गोल्ड मेडल जीता है.