बीबीसी ने कहा- वैक्सीनेशन के टार्गेट से पीछे रह गयी भारत सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया ये जवाब
Vaccination in India: बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत सरकार वैक्सीनेशन के अपने टार्गेट से पीछे रह गयी, तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी को दिया ये करारा जवाब...
कोरोना से नयी दिल्ली: वैक्सीनेशन टार्गेट पर इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट को भ्रामक और गुमराह करने वाला करार दिया है. साथ ही कहा है कि यह रिपोर्ट पूरी तस्वीर पेश नहीं करती. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किसी समाचार संस्था का नाम नहीं लिया है. अगर आप वैक्सीनेशन के लक्ष्य से भारत के चूकने की खबर तलाशेंगे, तो पायेंगे कि 31 दिसंबर 2021 को बीबीसी ने इस पर एक लंबी रिपोर्ट प्रकाशित की है. श्रुति मेनन ने बीबीसी रियल्टी चेक के लिए यह रिपोर्ट लिखी है.
इस रिपोर्ट पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोई सवाल तो नहीं उठाया है, लेकिन इसमें भारत की जो तस्वीर पेश की गयी है, उस पर मंत्रालय को आपत्ति है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि भारत का राष्ट्रीय कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम (Covid-19 Vaccination Programme) दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे सफल टीकाकरण अभियान है. दुनिया के विकसित देश जो नहीं कर पाये, भारत ने कर दिखाया. पश्चिमी देशों में, जहां की आबादी बहुत कम है, से ज्यादा तेजी से भारत ने अपने लोगों को कोरोना से सुरक्षा प्रदान करने वाला कोविड19 टीका लगाया.
दरअसल, विश्व की सबसे प्रतिष्ठित न्यूज सर्विस में शुमार बीबीसी ने दो दिन पहले यानी 31 दिसंबर को एक रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें कहा गया था कि वर्ष 2021 के अंत तक अपनी 94 करोड़ वयस्क आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य से भारत पीछे रह गया.
In a recently published news article by a reputed international news agency, it has been claimed that India has missed its vaccination target. This is misleading and does not represent the complete picture: Union Health Ministry
— ANI (@ANI) January 2, 2022
रिपोर्ट में कहा गया है कि मई, 2021 में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सबसे पहले कहा था कि इस साल के अंत तक भारत सरकार अपने देश के सभी वयस्क लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य हासिल कर लेगी. दिसंबर 2021 तक भारत में टीकाकरण अभियान पूरा हो जायेगा.
बीबीसी ने भारत सरकार के कोविन (Cowin) डैशबोर्ड के आंकड़ों का हवाला देते हुए जो रिपोर्ट तैयारकी है, उसमें कहा है कि 30 दिसंबर तक भारत की मात्र 64 फीसदी वयस्क आबादी को ही वैक्सीन के दोनों डोज लगे हैं. 90 फीसदी लोगों ने वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है. रिपोर्ट में कहा गया है इन आंकड़ों के आधार पर ही विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भारत में टीकाकरण की जो रफ्तार है, उससे पूरी वयस्क आबादी के वैक्सीनेशन में लंबा वक्त लगेगा.
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बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा है कि कई चुनौतियों के बीच भारत सरकार ने जनवरी 2021 में वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के संक्रमण को मात देने के लिए अपने दम पर टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर 2021 को एक दिन में कोरोना वैक्सीन की रिकॉर्ड 2 करोड़ खुराक लोगों को दी गयी.
रिपोर्ट में बताया गया है कि सितंबर 2021 में हर दिन 81 लाख वैक्सीन डोज लोगों को दी गयी, जो अक्टूबर में घटकर 54 लाख और नवंबर में 57 लाख रही. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने इसका उत्पादन भी घटा दिया है, क्योंकि इसकी डिमांड भारत में कम हो गयी है.
बीबीसी ने लिखा है कि भारत दो स्वदेशी वैक्सीन के साथ-साथ रूस में निर्मित स्पुतनिक वी अपने नागरिकों को लगवा रहा है. भारत के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) एक महीने में कोविशील्ड (Covishield) की 25 करोड़ खुराक बनाता था.
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दिसंबर में वैक्सीन की मांग कम हुई, तो उसने अपना उत्पादन घटाकर 12.5 से 15 करोड़ प्रति माह कर दिया. भारत बायोटेक (Bharat Biotech) अभी 5 से 6 करोड़ कोवैक्सीन (Covaxin) डोज का निर्माण कर रही है.
अमेरिकी वैक्सीन को बताया है विकल्प
रिपोर्ट में भारत को अमेरिकी वैक्सीन का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी गयी है, ताकि भारत वैक्सीनेशन के लक्ष्य से पीछे न रह जाये. बीबीसी ने कहा है कि भारत सरकार टीकाकरण में तेजी लाने के लिए नोवावैक्स (Novavax) का इस्तेमाल कर सकती है. अमेरिका में विकसित इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारत में कोवावैक्स (Covavax) के नाम से बना रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपातकाल में इसके इस्तेमाल की अनुमति दे दी है.
कोविड रोधी टीकों की 145 करोड़ से ज्यादा खुराक दी गयी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि शनिवार को कोविड-19 रोधी टीकों की 22 लाख से अधिक खुराक देने के साथ ही देश में अब तक दी गयी कोरोना रोधी टीकों की खुराकों की संख्या 145.40 करोड़ से अधिक हो गयी. मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से अब तक 18 से 44 साल की आयु वर्ग के लोगों को टीकों की 50,04,54,035 पहली खुराक और 33,50,59,168 दूसरी खुराक दी गयी.
मंत्रालय ने बताया कि अब तक टीकों की 84,54,89,349 पहली और 60,85,62,479 दूसरी खुराक लगायी गयी है. शनिवार की शाम सात बजे तक टीकों की 22 लाख से अधिक यानी 22,56,362 खुराक लोगों को दी गयी.
Posted By: Mithilesh Jha
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