जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय आतंकी सलाउद्दीन के दो बेटों को सरकारी नौकरी से किया गया बर्खास्त
Jammu And Kashmir Terror Funding Case जम्मू-कश्मीर में शनिवार को आतंकी कनेक्शन और टेरर फंडिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है. अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाउद्दीन के दो बेटों को सरकारी नौकरी से बर्खास्त किए जाने की खबर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक, टेरर फंडिंग केस की जांच के दौरान एनआईए (NIA) को आरोपियों के खिलाफ अहम सबूत मिले थे. इसके बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आतंकी सलाउद्दीन के दोनों बेटों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है.
Jammu And Kashmir Terror Funding Case जम्मू-कश्मीर में शनिवार को आतंकी कनेक्शन और टेरर फंडिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है. अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाउद्दीन के दो बेटों को सरकारी नौकरी से बर्खास्त किए जाने की खबर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक, टेरर फंडिंग केस की जांच के दौरान एनआईए (NIA) को आरोपियों के खिलाफ अहम सबूत मिले थे. इसके बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आतंकी सलाउद्दीन के दोनों बेटों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है.
अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाउद्दीन बेटे जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी में थे. सलाउद्दीन के दोनों बेटों सैयद शकील अहमद और शादिर युसुफ समेत कुल 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. टेरर कनेक्शन में सलाउद्दीन के दोनों बेटों, चार कर्मचारी अनंतनाग, तीन कर्मचारी बडगाम, पुलवामा और बारामूला से एक-एक कर्मचारी को बर्खास्त किया गया है. सलाउद्दीन का बेटा शकील अहमद श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में काम करता था. जबकि, शाहिद युसूफ श्रीनगर में कृषि विभाग में काम करता था.
11 J&K govt employees sacked for terror links includes two teachers from Anantnag found involved in anti-national activities and two police constables who supported provided inside information to the terrorists: Sources
— ANI (@ANI) July 10, 2021
उल्लेखनीय है कि हिजबुल का चीफ सैयद सलाहुद्दीन 2017 से अमेरिका की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में राज्य की सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियों के संदेह में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है. संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (सी) के तहत पास ऑर्डर से सरकार को अधिकार है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को बिना जांच कमेटी का गठन किए बर्खास्त किया जा सकता है. टास्क फोर्स में पुलिस, कानून और न्याय, विधायी विभाग के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.
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