International Womens Day : भारतीय वायुसेना में काम कर रही महिला अधिकारियों ने साझा किए अपने अनुभव, विंग कमांडर शालिजा धामी ने कहा- हमें यहां मिल रही समानता
International Womens Day उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस में भारतीय वायुसेना में काम कर रही महिला अधिकारियों ने रविवार को अपने अनुभव साझा किए. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में विंग कमांडर शालिजा धामी ने कहा कि वायुसेना में महिलाओं को तीन दशक होने वाले हैं और बहुत अच्छी चीजें हो रही है. शालिजा धामी ने बताया कि यहां हमें समानता मिल रही है और नए अवसर मिलते हैं.
International Womens Day उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस में भारतीय वायुसेना में काम कर रही महिला अधिकारियों ने रविवार को अपने अनुभव साझा किए. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में विंग कमांडर शालिजा धामी ने कहा कि वायुसेना में महिलाओं को तीन दशक होने वाले हैं और बहुत अच्छी चीजें हो रही है. शालिजा धामी ने बताया कि यहां हमें समानता मिल रही है और नए अवसर मिलते हैं.
It will be almost three decades for woman officers in IAF. Aircraft doesn't know whether it's a male or female officer who is flying it. It is the journey to sit in the aircraft that says everything — whether we'll be able to do it or not: Wing Commander Shaliza Dhami (1/2) pic.twitter.com/JJjYkkHtxI
— ANI (@ANI) March 7, 2021
जानकारी के मुताबिक, विंग कमांडर शालिजा धामी करीब सत्रह वर्षों से भी ज्यादा समय से भारतीय वायुसेना में अपनी सेवाएं दे रहीं है. शालिजा धामी को 2019 में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस पर चेतक हेलीकॉप्टर यूनिट में देश की पहली फ्लाइट कमांडर का पद संभालने की जिम्मेदारी दी गयी है जो कि एक लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर है, जिसमें छह यात्री बैठ सकते हैं. इसकी अधिकतम स्पीड 220 किमी प्रति घंटा है.
विंग कमांडर शालिजा धामी ने कहा कि एयरक्राफ्ट को ये नहीं पता कि उसे उड़ाने वाला पुरुष है या फिर महिला. एयरक्राफ्ट में बैठने के बाद ये एक सफर ही होता है, जो सब कुछ कहता है. चाहे हम इसे कर पाएंगे या फिर नहीं. शालिजा धामी वायुसेना की पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्हें लंबे कार्यकाल के लिए फ्लाइंग ब्रांच में स्थाई कमीशन दिया गया है. मूल रूप से शालिजा धामी पंजाब के लुधियाना की रहने वाली है और वे बचपन से ही पायलट बनना चाहती थीं. उल्लेखनीय हे कि भारत में 1994 में पहली बार महिलाओं को वायुसेना में शामिल किया गया है.
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