योग में धर्म और ओम के उच्चारण को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गयी है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी के ट्वीट पर राजनीतिक पारा गर्म हो गया है. भारत के साथ- साथ पूरी दुनिया योग दिवस मना रही है.
ॐ के उच्चारण से ना तो योग ज्यादा शक्तिशाली हो जाएगा और ना अल्लाह कहने से योग की शक्ति कम होगी | #YogaDay2021 #InternationalDayOfYoga
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) June 21, 2021
लोग अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. योग के महत्व पर चर्चा हो रही है. कई बार योग को लेकर धार्मिक विवाद हुए लेकिन हर बार योग को सभी धर्मों ने महत्व दी और माना कि स्वस्थ रहने के लिए यह जरूरी है ना सिर्फ सेहत के लिए बल्कि मानसिक शांति के लिए भी योग महत्व रखता है.
दुनिया के कई देश जहां अलग- अलग सभ्यता, संस्कृति और धार्मिक आजादी है वहां भी योग के महत्व को समझा जा रहा है. इस बीच एक बार फिर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने योग में ओम के उच्चारण पर सवाल खड़ा कर दिया है.
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उन्होंने अपनी ट्वीट में कहा है कि ॐ के उच्चारण से ना तो योग ज्यादा शक्तिशाली हो जाएगा और ना अल्लाह कहने से योग की शक्ति कम होगी. कांग्रेस नेता ने एक बार फिर योग और धर्म के मुद्दे को हवा दे दी है हालांकि कई लोगों ने इस ट्वीट को लेकर उन्हें जवाब दिया है.इस ट्वीट पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं हैं लेकिन मनोज शाह ने इस पर उन्हें जवाब दिया है, अभिषेक सिंघवी ये सबका व्यक्तिगत मामला है, आपकी जिसमें आश्था है आप उसी का नाम लें.
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योग दिवस के दिन इन्होंने रॉल्फ गेट्स की एक और लाइन अपने टि्वटर अकाउंट पर साझा की है जिसमें लिखा है योगा वर्क आउट नहीं है , यह वर्क इन है. यह आध्यात्मिक अभ्यास का बिंदु है. हमें सिखाने योग्य बनाने के लिए, अपने दिलों को खोलने और अपनी जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ताकि हम जान सकें कि हम पहले से क्या जानते हैं और हम पहले से ही कौन हैं.