Intranasal Vaccine: कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने शनिवार को कहा कि स्वदेशी वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक 26 जनवरी को भारत में अपनी तरह का पहला इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन आईएनसीओवीएसीसी लॉन्च करेगी. भोपाल में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, एला ने यह भी कहा कि मवेशियों में ढेलेदार त्वचा रोग के लिए घरेलू टीका, लम्पी-प्रोवाइंड, अगले महीने लॉन्च होने की संभावना है.
यह एक नाक का टीका है, इसलिए इस नए टीके से टीका लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है. यानी इसके लिए कोई इंजेक्शन की सूई नहीं चूभाई जायेगी, आपकी नाक में बस एक बूंद डाली जायेगी और आप सुरक्षित हो जायेंगे. विशषज्ञों की मानें तो फ्लू या कोरोनावायरस से बचाव के लिए इंट्रानेजल टीके सबसे उपयुक्त हैं. ये टीके इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक टीके की मदद से किसी व्यक्ति के वायुजनित वायरस (airborne virus) के संपर्क में आने पर यह पता चलता है कि बीमारी कितनी गंभीर है.
जानकारी हो कि नेजल वैक्सीन को भारत बायोटेक ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ मिलकर बनाया है. साथ ही भारत बायोटेक ने ही कोरोना की पहली स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन भी तैयार की थी. भारत बायोटेक ने नाक से दी जाने वाली इस नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा है. जानकारी हो कि पहले इसका नाम BBV154 था. इस वैक्सीन को नाक के जरिए शरीर तक पहुंचाया जाता है. शरीर में जाते ही यह वैक्सीन कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है.
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इसे समझने के लिए हमने डॉ. भरत भूषण से बात की. उन्होंने कहा, ‘कोरोनावायरस समेत कई सूक्ष्म वायरस और म्युकोसा के जरिए शरीर में जाते हैं. नेजल वैक्सीन सीधेहोगी म्युकोसा में ही इम्यून बढ़ाती है. इससे वायरस को शरीर के अंदर दाखिल होने से रोका जा सकता है.’ डॉ. भरत के अनुसार, ‘नेजल वैक्सीन शरीर में इम्युनोग्लोबुलिन A (igA) तैयार करती है. igA इंफेक्शन को शुरुआती दौर में ही रोकना ठीक होता है. नेजल वैक्सीन ऐसा करने में कारगर साबित होती है. ये वैक्सीन संक्रमण रोकने के साथ-साथ उसे दूसरों तक फैलने से भी रोकता है.