आईपीसीसी (Intergovernmental Panel on Climate Change) की जलवायु परिवर्तन पर आज जो रिपोर्ट जारी की गयी है वह ना सिर्फ डराने वाली है बल्कि संपूर्ण मानव जाति को आगाह करने वाली भी है.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार आईपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार हिंदुकुश में हिमनद पीछे हट रहे हैं और समुद्र का स्तर बढ़ रहा है जो भारत में मौसम की अनिश्चतता पैदा करेगा. तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवात के प्रभाव से मानसून अनिश्चित हो जायेगा और गरमी में वृद्धि होगी.
आईपीसीसी ने कहा कि इनमें से अधिकांश प्रभाव अपरिवर्तनीय हैं इसलिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आने पर भी इसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. सूखा, बाढ़ और मानसून की अनिश्चितता लोगों को बार-बार देखने को मिलेगी.
आईपीसीसी की ‘क्लाइमेट चेंज 2021: द फिजिकल साइंस बेसिस’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कि 21वीं सदी के दौरान दक्षिण एशियाई देशों में गरमी बढ़ेगी साथ ही उमस वाली गरमी भी लोगों को परेशान करेगी और ठंड की अवधि घटेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने से गर्मी के मौसम में वृद्धि होगी और ठंड की अवधि घट जायेगी.वहीं, दो डिग्री तापमान वृद्धि होने पर प्रचंड गर्मी के साथ कृषि क्षेत्र और स्वास्थ्य पर भी इसका गंभीर असर पड़ेगा. रिपोर्ट में कहा गया है, जलवायु परिवर्तन से केवल तापमान ही नहीं बढ़ेगा बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में भी व्यापक बदलाव होंगे.
Posted By : Rajneesh Anand