IPU: भारत का विकास आर्थिक आंकड़ों से कहीं बढ़कर 

अंतर संसदीय संघ(आईपीयू) असेम्बली में भारत की सक्रिय भागीदारी न केवल भारत की संसदीय कूटनीति की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि साझा वैश्विक चुनौतियों के समाधान के उद्देश्य से वैश्विक संवाद में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर करती है.

By Anjani Kumar Singh | October 15, 2024 8:00 PM
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IPU: जिनेवा में 149 वीं अंतर संसदीय संघ(आईपीयू) असेंबली में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कर रहे हैं. 13 से 17 अक्टूबर तक चलने वाले आईपीयू की इस बैठक में भारतीय प्रवासियों के कौशल, प्रतिभा और प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए बिरला ने कहा कि वे देश के ब्रांड एंबेसडर हैं और वे जिस देश में भी रहते हैं, वहां पारिवारिक संबंधों और सद्भाव को बढ़ावा देते हैं. विविधता और समावेशिता ही भारतीय समुदाय की विशेषता है. उन्होंने वैश्विक चुनौतियों के समाधान में भारत द्वारा निभाई जा रही अग्रणी भूमिका का उल्लेख करते हुए इस आत्मविश्वास का श्रेय सशक्त नेतृत्व तथा भारतवासियों और प्रवासियों की शक्ति और सामर्थ्य को दिया. उन्होंने 149वीं आईपीयू असेम्बली में भारत की सक्रिय भागीदारी के बारे में बात करते हुए कहा कि यह असेम्बली न केवल भारत की संसदीय कूटनीति की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि साझा वैश्विक चुनौतियों के समाधान के उद्देश्य से वैश्विक संवाद में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर करती है.

प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल 

जिनेवा में 149 वीं अंतर संसदीय संघ(आईपीयू) असेंबली में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल भारत की ओर से राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, सांसद भर्तृहरि माहताब, अनुराग सिंह ठाकुर, राजीव शुक्ला, बीडी राम, अपराजिता सारंगी, डॉ सस्मित पात्रा, ममता माेहंता सहित लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्य सभा के महासचिव पीसी मोदी शामिल हैं. भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के सदस्य इस सम्मेलन के दौरान आइपीयू की कार्यकारी समिति, चार स्थायी समितियों की बैठकों के साथ ही इसके कार्य सत्रों और अन्य बैठकों में हिस्सा लेंगे. आईपीयू में 180 सदस्य संसद और 15 सहयोगी सदस्य हैं. सदस्यों में चीन, भारत और इंडोनेशिया जैसे बड़े देशों के साथ-साथ सैन मैरिनो, काबो वर्डे और पलाऊ जैसे छोटे देशों की संसदें भी शामिल है.  

भारत-स्विस सहयोग में इजाफा

भारत और स्विट्जरलैंड के बीच गुटनिरपेक्षता और तटस्थता जैसे साझा मूल्यों पर आधारित दीर्घकालिक सौहार्दपूर्ण संबंधों की बात करते हुए बिरला ने कहा कि व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्रों में भारत-स्विस सहयोग बढ़ रहा है. भारत डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी है, जिससे समानता को बढ़ावा मिला है. भ्रष्टाचार कम हुआ है और साथ ही देश में विभिन्न क्षेत्रों में शोध और नवाचार में प्रगति हुई है. भारत का विकास आर्थिक आंकड़ों से कहीं बढ़कर है और इसमें “मेक इन इंडिया”, “डिजिटल इंडिया” और “स्किल इंडिया” जैसी पहलों के माध्यम से ‘विकसित, मजबूत और आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य प्राप्त करने के साथ समावेशी विकास की प्रतिबद्धता शामिल है, जिससे देशवासी अधिकारसंपन्न  होंगे और राष्ट की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा.

भारत से जानने की उत्सुकता

 विश्व की कई संसदों के अध्यक्षों ने  बिरला से मुलाकात की जेनेवा में आयोजित इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन के सम्मेलन के दौरान जब विभिन्न राष्ट्रों के संसद प्रमुखों ने लोकसभा अध्यक्ष  ओम बिरला से  मुलाकात की तो वे बातचीत के दौरान  बिरला से उनकी कार्यप्रणाली का राज जानने को उत्सुक नजर आये. किसी ने उनसे पूछा उन्होंने संसदीय प्रणाली में सुधार कैसे किये, किसी  ने जानना चाहा कि प्रक्रियाओं को प्रभावी बनाने में वे नई तकनीकी का उपयोग कैसे ला रहे हैं. कोई उनकी सदन में चर्चा का समय बढ़ाने की उपलब्धि का कायल था, तो कोई सांसदों के साथ आत्मीय संबंध बनाने के गुर का. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सेशेल्स की नेशनल असेंबली के स्पीकर, महामहिम श्री रोजर मैनसीएन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.

 प्राइड ने 115 से अधिक देशों के सांसदों को किया प्रशिक्षित

सेशेल्स के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंधों का उल्लेख करते हुए, बिरला ने कहा कि दोनों देशों के संबंध परस्पर विश्वास तथा लोकतंत्र और समावेशिता के साझा मूल्यों की बुनियाद पर आधारित है. बिरला ने ओमान स्टेट काउंसिल की कंसलटेटिव असेंबली के स्पीकर, नामीबिया की नेशनल असेंबली के स्पीकर,अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) की प्रेसिडेंट सुश्री तुलिया एक्सन से भी मुलाकात की. संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि भारत की संसद के इस प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान ने 115 से अधिक देशों के सांसदों को प्रशिक्षित किया है. उन्होंने प्राइड की विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए आईपीयू सदस्यों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संसाधन केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा.

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