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महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र में अब तक 191 ट्रेनों की मदद से 2 लाख 45 हजार पर प्रांतीय मजदूरों को उनके राज्य छोड़ा गया.
बिहार रेल और हवाई सेवा को कम से कम मई के अंत तक बहाल करने के पक्ष में नहीं
बिहार, तमिलनाडु और कर्नाटक उन राज्यों में हैं जो रेल और हवाई सेवा को कम से कम मई के अंत तक बहाल करने के पक्ष में नहीं है. रेलवे पहले ही दिल्ली से 15 स्थानों के लिए विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू कर चुका है और सैकड़ों श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों को उनके गृहनगर पहुंचाने के लिए कर रहा है.
रेल मंत्री का ट्वीट
रेल मंत्री का ट्वीट- कामगारों को वापस घर लाने के लिए अब तक 1,034 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाया गया है. जिसमे से 106 ट्रेन कल संचालित हुई. उत्तर प्रदेश व बिहार ने इस दिशा बहुत तेजी से कदम उठाए हैं, और देश भर में चली कुल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में से लगभग 80% ट्रेन इन दोनों राज्यों द्वारा चलाई गई हैं.
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निर्धारित वेटिंग से 10 गुना अधिक तक वेटिंग टिकट
देशभर में चल रहीं 30 स्पेशल ट्रेनों के लिए शुक्रवार से वेटिंग टिकट मिलना शुरू हो चुका. जानकारी के अनुसार आईआरसीटीसी ने निर्धारित वेटिंग से 10 गुना अधिक तक वेटिंग टिकट बुक कर लिये हैं. फिलहाल केवल ऑनलाइन टिकट ही बुक किये जा रहे हैं और आईआरसीटीसी हर टिकट पर 30 रुपए सर्विस चार्ज भी ले रहा है. आईआरसीटीसी का कहना है कि बुकिंग के दौरान वेटिंग तय सीमा को पार कर जाता है और पैसा कटने की प्रक्रिया हो जाती है , इसलिए वेटिंग टिकट देना पड़ रहा है.
यात्रियों की संख्या में भारी कटौती करने की योजना बना रही कोलकाता मेट्रो
कोलकाता मेट्रो रेलवे अपनी सेवाएं बहाल होने होने पर यात्रियों की संख्या में 'जबरदस्त' कटौती करने की योजना बना रहा है, ताकि दो गज दूरी के नियमों का सही तरीके से पालन करना सुनिश्चित किया जा सके. शहर में मेट्रो सेवाओं को बहाल करने के लिए तैयारियां शुरू की गई हैं और इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि स्टेशन और ट्रेन के अंदर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन बेहतर तरीके से हो.
रेलवे को 1,000 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की राज्यों से अनुमति मिली
भारतीय रेल को पिछले 15 दिन में प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने के लिए राज्यों से 1,000 से ज्यादा ट्रेनों के परिचालन की अनुमति मिली है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा संख्या में प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश लौटे हैं, वहीं अपने लोगों को वापस बुलाने में बिहार दूसरे नंबर पर है. आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने आठ, राजस्थान ने 23, झारखंड ने 50 और ओडिशा ने 52 ट्रेनों के परिचालन की अनुमति दी है. भारतीय रेल कोविड-19 लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है. रेलवे ने अभी तक 932 ट्रेनों के जरिये 12 लाख से ज्यादा प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है.
झारखंड सरकार ने 110 गाड़ियों के लिए एनओसी दी है. -सीएम हेमंत सोरेन
रेल मंत्री की टिप्पणी पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि हर चीज में राजनीति करना भाजपा और केंद्र की आदत बन गई है.झारखंड सरकार ने 110 गाड़ियों के लिए एनओसी दी है. लगभग 50 ट्रेनों ने अब तक 60,000 से अधिक प्रवासी कामगारों को वापस ला दिया है
बेंगलुरू से 1300 यात्रियों को लेकर एक ट्रेन हरिद्वार पहुंची
हरिद्वार के डीएम ने बताया है कि बेंगलुरू से 1300 यात्रियों को लेकर एक ट्रेन हरिद्वार पहुंची है.उन्होंने बताया कि जहां से ट्रेन चलती है वहां से हमें एक सूची मिलती है.यात्रियों के यहां आने के बाद हमें संख्या में थोडा बहुत अंतर देखने को मिल रहा है.फिलहाल हम 167 यात्रियों की जांच कर रहे है जो गुम है.
बिहार के लिए चलेंगी 4 स्पेशल ट्रेनें
यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रह रहे प्रवासी मजदूरों के लिए शनिवार से ट्रेनें चलाई जाएंगी. बिहार के मजदूरों के लिए पहले चरण में चार ट्रेनों चलेंगी. गौतमबुद्धनगर के दादरी और दनकौर रेलवे स्टेशनों से 16 मई ये ट्रेनें चलेंगी. इन ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को बिहार भेजा जाएगा. दादरी स्टेशन से दिन के 11 बजे औरंगाबाद और 3 बजे सासाराम के लिए स्पेशल ट्रेन चलेगी. वहीं, दनकौर से दोपहर 2 बजे और शाम 4 बजे एक एक ट्रेनें चलेंगी. रजिस्ट्रेशन करा चुके लोगों को पहले भेजा जाएगा.
800 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलीं
मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुँचने के लिए हर दिन श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही हैं. श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 14 मई तक 10 लाख मजदूरों को घर पहुंचाया जा चुका है. रेलवे के अनुसार 14 मई तक 800 श्रमिक स्पेशल ट्रेन का परिचालन किया गया. सबसे ज्यादा ट्रेन बिहार और उत्तर प्रदेश में चली हैं. रेलवे ने यह भी कहा है की श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यात्रा कर रहे मजदूरों को मुफ्त भोजन और पानी की भी व्यवस्था रेलवे की ओर से की गई है.
रेलवे स्टेशन पर मिलेगी बस, घर पहुंचना होगा आसान
स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने वाले मुसाफिरों को स्टेशन पहुंचकर घर जाने के लिए सवारी का इंतजाम नहीं करना पड़ेगा. केंद्र सरकार राज्यों को मंजूरी दी है कि वे रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्रियों को घर तक पहुंचाने के लिए बस चला सकते हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करना होना. ये बस सेवा कंफर्म ई टिकट वाले यात्रियों को ही मिल पाएगी.
ट्रेन यात्रा के बदल जाएंगे बहुत सारे नियम
ट्रेन में यात्रा से पहले अब यह बताना होगा कि आप रुकेंगे कहां. रेल में सफर से पहले एक फॉर्म भरना होगा जिसमें यात्रा के बाद यात्री कहां ठहरेगा इसके जानकारी देनी होगी. ट्रेन सफर के दौरान मास्क लगाना भी जरूरी होगा. सभी को अपने फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना जरूरी है.
14 मई को चलीं 145 श्रमिक ट्रेनें, 2.10 लाख यात्री पहुंचे घर
इंडियन रेलवे की ओर से 14 मई को 145 श्रमिक ट्रेनें चलाई गईं जिसमें 2 लाख 10 हजार यात्रियों को उनके गंतव्य तक ले जाया गया. रेल मंत्रालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. बता दें, एक मई से अब तक रेलवे 800 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन कर चुकी है. जिसके जरिये 10 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया है. सबसे ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चलाई गईं हैं.
नोएडा में फंसे श्रमिकों की होगी घर वापसी, आज से चलेंगी 5 विशेष ट्रेनें
नोएडा, ग्रेटर नोएडा में फंसे श्रमिकों को उनके घर भेजने के लिए 15 मई यानि आज से पांच विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी. इसको लेकर गुरुवार को गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने रेलवे आधिकारियों से बात भी की है. जिसके बाद आज से दादरी और दनकौर रेलवे स्टेशन से 5 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें संबंधित राज्यों के लिए रवाना होंगी. पहले 1500 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रवाना किया जाएगा. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लाखों श्रमिक काम करते हैं. लेकिन, लॉकडाउन के कारण अब वो बेरोजगार हो गए हैं. कई श्रमिक अपने घर जा चुके हैं. लेकिन अभी भी बहुत से फंसे हुए हैं. जिन्हें अब घर वापस भेजने की तैयारी हो रही है.
दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों की होगी स्क्रीनिंग
कोरोना वाइरस को देखते हुए दूसरे राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. और यदि किसी में कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो उसे क्वारंटाइन में रखा जाएगा, इसको लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की गई है. जिसमें कहा गया है की प्रत्येक स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर भी दर्ज किए जाएंगे.
क्वॉरेंटाइन में जाने से इनकार, 19 यात्रियों ने किया वापस लौटने का फैसला
दिल्ली से विशेष ट्रेन से बेंगलुरु पहुंचे यात्रियों में से 19 यात्रियों ने उसी ट्रेन से अपने राज्यों को लौटने का फैसला किया है, क्योंकि वे पृथक-वास में नहीं जाना चाहते थे. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि उनमें से 12 ने सिकंदराबाद, दो ने गुंटाकल, चार ने अनंतपुर और एक ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरने का फैसला किया है. वहीं, सरकार के फैसले के मुताबिक, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपाय के तहत उन्हें 14 दिन के लिए पृथक केंद्र में भेजा जाएगा. रेलवे ने कहा कि करीब 140 यात्री पृथकवास में जाने को राजी नहीं हुए और उन्होंने इसे लेकर विरोध किया.
बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे कई राज्य ट्रेनों को अनुमति नहीं दे रहे है -केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया है कि मुझे बहुत दुख है कि पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे कई राज्य अपने राज्यों में प्रवेश करने के लिए 'श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों' के लिए पर्याप्त अनुमति नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा 'मैं एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार से अपील करता हूं कि 30 दिनों में 105 ट्रेनों को अनुमति देने के बजाय, प्रतिदिन 105 ट्रेनों की अनुमति दें. हम बंगाल के सभी प्रवासी मजदूरों को वापस भेज देंगे जो घर वापस जाना चाहते हैं.
वेट लिस्टेड टिकट की बुकिंग 15 मई से होगी शुरू - भारतीय रेलवे
भारतीय रेलवे ने बताया है कि 22 मई 2020 से शुरू होने वाली विशेष ट्रेनों की यात्रा के लिए वेट लिस्टेड टिकट सीमित संख्या मे जारी करना शुरू करेगी, जिसके लिए 15 मई 2020 से बुकिंग शुरू होगी.
देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे बंगाल के लोगों के लिए चलेंगी 105 अतिरिक्त ट्रेन - सीएम ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी ने कोरोना सकंट के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में लाखों की संख्या में लोग फंसे है.पश्चिम बंगाल के जो लोग देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए उनके के लिए राज्य सरकार की ओर से 105 अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलवाने का फैसला किया है.
1 मई से अब तक 10 लाख यात्रियों को उनके घर पहुंचाया -भारतीय रेलवे
कोरोनावायरस के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासियों के लिए सरकार ने स्पेशल श्रमिक ट्रेनों की चलाने की घोषणा की थी.जिससे दूसरे राज्यों में फंसे लोग अपने राज्य पहुंच सके. इसी बीच भारतीय रेलवे ने बताया कि 1 मई से अब तक लगभग 10 लाख यात्रियों को उनके घर पहुंचाया है.
6.85 लाख झारखंडियों को वापस लाएंगे: हेमंत सोरेन
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंडवासियों को घर वापस लाने के लिए सरकार कृत संकल्पित है. राज्य वापस आने को इच्छुक 6.85 लाख झारखंडियों को क्रमबद्ध तरीके से राज्य सरकार रेलवे एवं केंद्र सरकार से सामंजस्य स्थापित कर जल्द से जल्द लाने का प्रयास कर रही है. सीएम हेमंत सोरेन ने विपक्ष के साथियों से भी अपील की है कि वे भी केंद्र सरकार से आग्रह करें, पत्राचार करें. ताकि झारखण्ड के लिए अधिक ट्रेनों का परिचालन हो
दिल्ली मेट्रो में यात्रा के बदल सकते हैं नियम
दिल्ली सरकार मेट्रो चलाने पर विचार कर रही है, लेकिन इसके लिए अब नए नियम तय किए जाएंगे. दिल्ली मेट्रो में बैठने और टिकट लेने तक का सिस्टम अब बदल सकता है. मेट्रो में थर्मल स्कैनिंग, हाथों की सफाई, बैगेज चेकिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे नियम प्रमुखत से लागू किए जाएंगे. मेट्रो में फिलहाल टोकन या कार्ड सिस्टम से एंट्री होती थी. लेकिन अगर 17 मई के बाद मेट्रो चलती है तो टोकन सिस्टम बंद हो सकता है.
642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें से अबतक करीब आठ लाख प्रवासियों पहुंचे घर
रेलवे ने एक मई से 642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन के चलते फंसे आठ लाख प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया गया. यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी. इनमें से सबसे अधिक ट्रेनें (301) उत्तर प्रदेश और उसके बाद बिहार (169) पहुंचीं. अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश में 53, झारखंड में 40 ट्रेनें, ओडिशा में 38, राजस्थान में आठ, पश्चिम बंगाल में सात, छत्तीसगढ़ में छह और उत्तराखंड में चार ट्रेनें पहुंचीं. आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र में तीन-तीन ट्रेनें पहुंचीं, जबकि एक-एक ट्रेन हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, मिजोरम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा पहुंचीं. रेलवे ने कहा है कि ट्रेनों में सवार होने से पहले यात्रियों की उचित स्क्रीनिंग की जाती है. यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जाता है.
दिल्ली से रवाना होने वाली ट्रेनों में शत प्रतिशत बुकिंग
दिल्ली और देश के बड़े शहरों के बीच 12 मई से 15 ट्रेनें चलाकर रेलवे द्वारा अपनी यात्री सेवाएं शुरू करने के साथ ही बुधवार को 9000 से अधिक लोग नौ ट्रेनों से राष्ट्रीय राजधानी से विदा हुए. पीटीआई-भाषा के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार दिल्ली से जो नौ ट्रेनें रवाना हुई, उनमें से हावड़ा, जम्मू, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, डिब्रूगढ़, मुम्बई, रांची और अहमदाबाद की ट्रेनों में उनकी क्षमता से अधिक बुकिंग थी. बस बिहार की राजधानी पटना विदा हुई ट्रेन में 87 फीसद यात्री ही थे. आधिकारिक आंकड़े के अनुसार बुधवार तक 2,08,965 यात्रियों ने अगले सात दिनों के दौरान सफर के लिए इन स्पेशल ट्रेनों में टिकट बुक कराये थे.
रेलवे 22 मई से विशेष ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची शुरू करेगा, और ट्रेनों के परिचालन की संभावना
मेल, एक्सप्रेस और कुर्सी यान सेवा जल्द फिर से शुरू करने की संभावना का संकेत देते हुए रेलवे बोर्ड ने न केवल अपनी वर्तमान विशेष ट्रेनों, बल्कि आगामी सभी ट्रेनों में यात्रा के लिए 22 मई से प्रतीक्षा सूची का प्रावधान शुरू करने संबंधी आदेश जारी किया. वर्तमान विशेष ट्रेनों में केवल पक्के टिकट बुक किये जा रहे हैं, वहीं 22 मई से शुरू हो रही यात्राओं के वास्ते 15 मई से टिकटों की बुकिंग में प्रतीक्षा सूची में टिकट बुक कराने का प्रावधान होगा. हालांकि रेलवे ने इन ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची की सीमा एसी थ्री टायर के लिए 100, एसी टू टायर के लिए 50, स्लीपर क्लास के लिए 200, चेयर कार के लिए 100 और फर्स्ट एसी तथा एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 20-20 तय की है. रेलवे के विभिन्न जोन को भेजे गये बोर्ड के इस आदेश से संकेत मिलता है कि रेलवे वर्तमान वातानुकूलित ट्रेनों की बजाय मिली-जुली सेवाएं शुरू करने की योजना बना रहा है. इसका यह भी मतलब है कि बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों के लिए भी सेवाएं शुरू की जा सकती हैं.
बिहार आयेंगे 50 हजार से ज्यादा प्रवासी
प्रवासी मजदूरों के बिहार आने का सिलसिला जारी है. 13 राज्यों से करीब तीन दर्जन ट्रेनों से 50 हजार से ज्यादा मजदूर गुरुवार को बिहार आयेंगे. इनमें गुजरात और महाराष्ट्र से पांच-पांच, पंजाब से चार और राजस्थान के अजमेर से दो ट्रेनें भी शामिल हैं. बिहार सरकार द्वारा ट्रेनों की व्यवस्था किये जाने के बाद से प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है.
इस संबंध में सूचना सचिव अनुपम कुमार ने बताया है कि अब तक 267 ट्रेनों की शेड्यूलिंग की गयी है. इनमें 5.64 लाख से अधिक प्रवासी बिहारी आयेंगे. उन्होंने बताया कि राजधानी एक्सप्रेस जैसी यात्री ट्रेनों से आ रहे यात्रियों को स्क्रीनिंग और जांच के बाद यात्रा की अनुमति दी जा रही है. इसलिए इन लोगों को क्वॉरेंटिन नहीं किया जायेगा. वहीं, कोटा समेत दूसरी जगहों से आ रहे छात्रों को होम क्वॉरेंटिन और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से आ रहे लोगों को प्रखंड क्वॉरेंटिन में रहना अनिवार्य किया गया है.
आगामी सात दिन में 2.34 लाख यात्रियों ने टिकट बुक कराई
आगामी सात दिन में यात्रा के लिए 2.34 लाख यात्रियों ने विशेष ट्रेनों की टिकट बुक कराई जबिक 45.30 करोड़ रुपये की आय हुई. रेलवे की ओर से ये जानकारी दी गयी है.
झारखंडवासियों की घर वापसी के लिए सरकार कृतसंकल्पित- हेमंत सोरेन
अन्य राज्यों में फंसे हर एक झारखंडी को घर वापस लाने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है. राज्य वापस आने को इच्छुक 6.85 लाख झारखंडियों को क्रमबद्ध तरीके से राज्य सरकार रेलवे एवं केंद्र सरकार से सामंजस्य स्थापित कर जल्द से जल्द लाने का प्रयास कर रही है. सीएम हेमंत सोरेन ने विपक्ष के साथियों से भी अपील की है कि वे भी केंद्र सरकार से आग्रह करें, पत्राचार करें. ताकि झारखण्ड के लिए अधिक ट्रेनों का परिचालन हो. राज्य सरकार सभी श्रमिक बंधुओं का किराया वहन कर रही है और आगे भी करेगी.
यात्रियों के पते का रिकॉर्ड रख रहा है रेलवे
रेलवे ने आईआरसीटीसी वेबसाइट पर टिकट बुक कराने वाले सभी यात्रियों के गंतव्य स्थलों के पतों का रिकॉर्ड रखना शुरू कर दिया है, ताकि यदि बाद में उनमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होती है तो उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा सके. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर गंतव्य स्थल के पते को शामिल करने का प्रावधान 13 मई से किया गया है. रेलवे के प्रवक्ता आर डी बाजपेई ने कहा, ‘‘13 मई से आईआरसीटीसी टिकट बुक करा रहे सभी यात्रियों के गंतव्य स्थलों का पता ले रहा है. यदि बाद में आवश्यकता पड़ी, तो यात्रियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में इससे मदद मिलेगी.
दिल्ली से विशेष ट्रेन बेंगलुरु पहुंची, यात्रियों को 14 दिन का पृथक-वास
दिल्ली से एक ट्रेन करीब 1,000 यात्रियों को लेकर बृहस्पतिवार को बेंगलुरु पहुंची. देश में सीमित रेल सेवा बहाल होने के बाद यह कर्नाटक पहुंचने वाली पहली ट्रेन है. अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों के बेंगलुरु सिटी रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद उनकी स्टेशन परिसर में ही कोविड-19 संबंधी जांच की गई. दिल्ली से मंगलवार रात साढ़े नौ बजे रवाना हुई ट्रेन बृहस्पतिवार सुबह छह बजकर 40 मिनट पर यहां पहुंचने वाली थी, लेकिन यह 40 मिनट विलंब से पहुंची. एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की जांच के लिए 10 स्वास्थ्य जांच काउंटर बनाए गए हैं. यात्रियों को ट्रेन से बाहर निकालने के दौरान रेलवे सुरक्षा बल के कर्मियों ने उन पर कड़ी नजर रखी.
कोविड-19 के लक्षणों के कारण यात्रा से रोके जाने वाले को टिकट के पूरे पैसे लौटाए जाएंगे
कोरोना वायरस के लक्षण होने के कारण जिन यात्रियों को रेलगाड़ी में सफर करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, उन्हें टिकट के पूरे पैसे लौटाए जाएंगे. गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सभी यात्रियों की अनिवार्य रूप से जांच की जाएगी और केवल ऐसे लोगों को ही ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी, जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं होंगे.
30 जून 2020 तक की सभी टिकटों को किया रद्द
भारतीय रेलवे ने 30 जून 2020 को या उससे पहले यात्रा करने के लिए बुक किए गए सभी टिकटों को रद्द कर दिया है. 30 जून 2020 तक बुक किए गए सभी टिकटों पर रिफंड मिलेगा.सभी स्पेशल ट्रेनें और श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पहले की तरह ही चलेंगी. रेलवे के एक आदेश में कहा गया है कि एक मई से आरंभ की गई श्रमिक विशेष ट्रेन सेवा और 12 मई से शुरू की गई विशेष ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा. जो टिकट रद्द किए जाएंगे, वे लॉकडाउन की अवधि में उस समय बुक कराए गए थे, जब रेलवे ने जून में यात्रा के लिए बुकिंग की अनुमति दी थी