भारतीय रेल (IRCTC Indian Railway News) ने मंगलवार को एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर लिया है. साल 2020 जाते-जाते इंडियन रेलवे ने एक ऐसा कोच तैयार किया है, जिसमें बैठकर सफर करना अपने आप में अनोखा होगा. रेलवे ट्रैक के साथ-साथ प्रकृति की खूबसूरती का नजारा आप नये कोच में बैठे-बैठे ले पाएंगे. दरअसल भारतीय रेल ने 44 सीटों वाला एक विस्टाडोम कोच (Vistadome tourist coach) तैयार किया है. यह कोच पर्यटकों को लुभाने के लिए तैयार किया गया है. इस नये कोच का मंगलवार को सफल ट्रायल किया गया.
भारतीय रेलवे की नयी डिजाइन वाली विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने खुद ट्वीट कर भारतीय रेल की नयी उपलब्धि के बारे में बताया. उन्होंने नये कोच की तसवीर शेयर करते हुए ट्वीट किया और लिखा, एक बड़ी उपलब्धि के साथ साल का अंत हो रहा है. उन्होंने कहा है कि भारतीय रेल ने सफलतापूर्वक नये डिजाइन के विस्टाडोम पर्यटक कोच का 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफल परीक्षण किया है.
उन्होंने आगे लिखा, ये कोच यात्रियों के लिए रेल यात्रा को यादगार बनायेगा और पर्यटन के क्षेत्र में माउंटेन रेलवे को और बढ़ावा देगा.
भारत की सबसे तेज ट्रेन को मिली चुनौती
भारतीय रेल के नये विस्टाडोम कोच ने भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन को चुनौती दे दी है. विस्टाडोम कोच वाली इस ट्रेन ने रफ्तार के मामले में देश की सबसे तेज ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस की बराबरी कर ली है. ट्रायल के समय वंदे भारत ट्रैक पर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी थी.
Ending the Year on a Great Note: Indian Railways' 🚆 successfully completed 180 kmph speed trial of new design Vistadome tourist coach
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 29, 2020
These coaches will make train journeys memorable for the passengers 🛤️ & give further boost to tourism 🚞 pic.twitter.com/3JxeVbQClg
क्या है खासियत
बताया जा रहा है कि नये विस्टाडोम कोच में बड़े-बड़े ग्लास लगे हुए हैं, जिससे सफर के दौरान बाहर का नजारा लिया जा सकता है. एक कोच में 44 लोग बैठ सकते हैं. पर्यटकों के आरामदायक सफर के लिए एयर स्प्रिंग सस्पेंशन लगाया गया है. इसके अलावा आसमान का नजारा भी लेने के लिए इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रित वाली कांच की रूफ टॉप होगी. लंबी खिड़की वाला लाउंज भी हर कोच में होगा.
Posted By – Arbind kumar mishra