IRCTC/ Indian Railways: आईआईटीयन ने बनायी IRCTC से भी तेज तत्काल टिकट बुकिंग ऐप, पुलिस ने कर लिया गिरफ्तार
IRCTC/ Indian Railways, Tatkal Ticket Booking App: केरल के तिरुपुर निवासी एक आईआईटीयन को रेलवे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. कारण ये कि उसने आईआरसीटीसी से भी तेज तत्काल टिकट बुकिंग ऐप बनाया था. अब वो जमानत पर बाहर हैं. और अब अपने सिस्टम में सुधार के लिए भारतीय रेलवे के साथ काम करने की उम्मीद कर रहे हैं.
IRCTC/ Indian Railways, Tatkal Ticket Booking App: केरल के तिरुपुर निवासी एक आईआईटीयन को रेलवे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. कारण ये कि उसने आईआरसीटीसी से भी तेज तत्काल टिकट बुकिंग ऐप बनाया था. अब वो जमानत पर बाहर हैं. और अब अपने सिस्टम में सुधार के लिए भारतीय रेलवे के साथ काम करने की उम्मीद कर रहे हैं.
आईआईटी खड़गपुर से स्नातक करने वाले एक आईआईटीयन एस युवराजा को पिछले महीने, 23 अक्टूबर को आरपीएफ अधिकारियों ने आरपीएफ ने कहा कि उन्हें भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 के तहत “रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति के अनधिकृत कारोबार” के लिए गिरफ्तार किया जा रहा था.
उनकी दंडात्मक कार्रवाई का कारण यह था कि 2016 में युवराज ने ‘Super Tatkal’ नाम से एक ऐप विकसित किया था, और बाद में ‘Super Tatkal Pro’ प्रो नामक टिकट बुकिंग ऐप बनाया , जिसके माध्यम से बिजली की गति से टिकट बुक किए गए थे. उसके ऐप इतने लोकप्रिय हो गए कि कुछ ही समय में इस ऐप के लगभग एक लाख यूजर्स बन गए. हालांकि, युवराजा की गिरफ्तारी के बाद इसे प्ले स्टोर से हटा लिया गया.
हफिंगटन पोस्ट के मुताबिक, 32 साल के युवराजा जब जेल से बाहर आए तो उन्होंने कहा कि अपने ऐप के जरिए वो लोगों की मदद करना चाहते थे. उन्होंने बताया कि आईआरसीटीसी से टिकट बुकिंग या तत्काल टिकट लेना काफी झंझट का काम है. उनके बनाए ऐप से टिकट लेना आसान है. उन्होंने कहा कि मेरा मकसद गलत नहीं है. मैं चाहता हूं कि रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से मिलूं और टिकट बुकिंग की प्रकिया को कैसे बेहतर किया जाए उस पर बात करूं. मैं रेलवे की मदद करना चाहता हूं.
युवराज खुद इस समय जमानत पर बाहर हैं, और अब अपने सिस्टम में सुधार के लिए भारतीय रेलवे के साथ काम करने की उम्मीद कर रहे हैं. बता दें कि एस युवराजा ने आईआईटी खड़गपुर से स्नातक और एमआईटी चेन्नई से किय़ा है. वो किसान परिवार से आते हैं. 12वीं में उन्होंने अपने जिले में टॉप किया था. उन्होंने डीआरडीओ में तीन साल तक इंटर्नशीप भी की है. वो एयरोनॉटिकल इंजीनियर हैं. बेंगलुरू के एक फर्म में सेवा देने के बाद अब वो अपना सॉफ्टवेयर व्यवसाय में जुटे हैं. खड़गपुर में पढ़ाई के दौरान ही टिकट मिलने हुई दिक्कतों के बाद उनके मन में टिकट बुकिंग ऐप बनाने का ख्याल आया था.
Posted by: Utpal kant