Fact Check : रेलवे पर सरकार ने लगवाया निजी कंपनी का ठप्पा, जानिये क्या है सच
रेलवे के निजीकरण की खूब चर्चा रही है. सरकार ने भी समय - समय पर इसे लेकर बयान दिया है. रेलवे ने कई सेवाओं में निजी कंपनियों को जोड़ लिया है. ऐसे में बड़ी आसानी से कोई भी अफवाह फैल जाती है.
रेलवे के निजीकरण की खूब चर्चा रही है. सरकार ने भी समय – समय पर इसे लेकर बयान दिया है. रेलवे ने कई सेवाओं में निजी कंपनियों को जोड़ लिया है. ऐसे में बड़ी आसानी से कोई भी अफवाह फैल जाती है. एक वीडियो पिछले दिनों खूब चर्चा में रहा जिसमें रेल इंजन में एक निजी कंपनी का नाम लिखा गया था.
कई लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा की सरकार अब निजी कंपनियो के नाम भी रेल पर लिखने लगी है. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी. कई लोगों ने इस तस्वीर को साझा किया और लिखा, भारतीय रेल पर भी अब निजी कंपनी का ठप्पा लग गया है. इस तस्वीर को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी शेयर किया और लिखा, सरकार रेलवे को निजी कंपनियों के हाथों में सौप रही है.
Through a video on Facebook, it is being claimed that the Government of India has put stamps of a private company on the trains. This claim is misleading, this is is just a commercial advertisement with the aim of improving 'non-rental revenue': Press Information Bureau (PIB) pic.twitter.com/OUG4vSFEft
— ANI (@ANI) December 16, 2020
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, जिस भारतीय रेलवे को देश के करोड़ों लोगों ने अपनी मेहनत से बनाया, भाजपा सरकार ने उस पर अपने अरबपति मित्र अडानी का ठप्पा लगा दिया. कल धीरे धीरे रेलवे का एक बड़ा हिस्सा मोदी जी के अरबपति मित्रों को चला जाएगा. देश के किसान खेती किसानों को भी आज मोदी जी के अरबपति मित्रों के हाथ में जाने से रोकने की लड़ाई लड़ रहे हैं.
Also Read: दूल्हे के बारात में पहुंची “दिल्ली वाली पत्नी” नोट दिखाकर खिंचायी फोटो और दूल्हा लेकर हो गयी फरारकेंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा ( पीआईबी) खास फैक्ट चैक शुरू किया गया है. इसमें उन वायरल झूठी खबरों का फैक्ट चेक किया जाता है. पीआईबी ने इस खबर की जांच में इसे गलत पाया है.
Also Read: Bihar Board 10th Result 2020 LIVE Updates: 10वीं का रिजल्ट जल्द आने की संभावना. मई के पहले सप्ताह में शुरू हो सकती हैं कॉपियों की जांचफैक्ट चेक के दौरान इस दावे को गलत और भ्रम फैलाने वाला बताया गया है . पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने रेलवे में कंपनी के नाम को एक विज्ञापन बताया है. रेलवे पहले भी अपने डिब्बों में तरह – तरह का विज्ञापन लगाने की इजाजत देती रही है. इन विज्ञापनों के माध्यम से सरकार रेलवे का राजस्व बेहतर करना चाहती है.