IRCTC Refund Rule Change : भारतीय रेलवे यात्रियों को एक खास सुविधा देता था. इसे अब बंद कर दिया गया है. रेलवे ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में इसका खुलासा किया. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने आरटीआई का जवाब दिया. उसने बताया कि ट्रेनों की देरी पर मिलने वाली रिफंड की सुविधा बंद हो चुकी है. इसका मतलब है कि अब ट्रेन लेट होने पर आप अपने टिकट के पैसे पर रिफंड का दावा नहीं कर सकेंगे.
आईआरसीटीसी ने RTI के जवाब में बताया कि कुछ समय पहले ही प्राइवेट ट्रेनों के लेट होने पर रिफंड की सुविधा बंद कर हो चुकी है. रेल मंत्रालय की ओर से आईआरसीटीसी का गठन किया गया है. यह टिकट बुकिंग और प्राइवेट ट्रेनों की सभी सुविधाओं की देख-रेख करती है. पूरे मामले का सार यह है कि यात्रियों को अब ट्रेन लेट होने पर केवल सरकारी ट्रेनों के टिकट पर ही रिफंड मिलेगा. प्राइवेट ट्रेनों के लेट होने पर कोई रिफंड यात्रियों को नहीं दिया जाएगा.
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ट्रेन लेट होने पर कितना मिलता है रिफंड?
आईआरसीटीसी ने बताया कि यदि ट्रेन 1 से 2 घंटे लेट होती है तो 100 रुपये रिफंड किया जाता है. वहीं 2 से 4 घंटे लेट होने पर यह राशि 250 रुपये हो जाती है. यदि कोई यात्री ट्रेन लेट होने की वजह से टिकट कैंसिल करता है तो, ऐसे कंडिशन में उसे किराये की पूरी राशि लौटाई जाती है.
रेलवे कितनी प्राइवेट ट्रेन चलाता है?
रेलवे वर्तमान में तेजस नाम से दो प्राइवेट ट्रेनें चलाती है. एक ट्रेन नई दिल्ली से लखनऊ तक पटरी पर दौड़ती है. यह 4 अक्टूबर, 2019 से शुरू की गई थी. वहीं दूसरी तेजस ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलती है. इसे 17 जनवरी, 2020 को शुरू किया गया था.
किस साल रेलवे ने कितना किया रिफंड?
रेलवे की ओर से रिफंड दिए जाने की बात करें तो 2019-20 में 1.78 लाख रुपये का रिफंड यात्रियों को किया गया. 2020-21 में शून्य रिफंड रहा. साल 2021-22 में 96 हजार रुपये यात्रियों को लौटाए गए. 2022-23 में 7.74 लाख रुपये का रिफंड दिया गया. 2023-24 में आईआरसीटीसी ने 15.65 लाख रुपये का रिफंड किया.