Coronavirus: वुहान की लैब से निकले कोरोना वायरस ने बीते 3 सालों में पूरी दुनिया को तबाह कर दिया है. दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जो कोरोना के प्रकोप से बचा हुआ हो. आज के दुनिया के अधिकांश देशों में कोरोना का प्रकोप देखने को मिल रहा है. कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के बाद ओमिक्रॉन वेरिएंट अभी कहर बरपा रहा है.
नवंबर में इस नए वेरिएंट का पता चलने के बाद से ओमिक्रॉन तेजी से दुनिया के देशों में पांव पसारा है. एक आकलन के अनुसार 70 दिनों में करीब 9 करोड़ लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हो गये हैं. कोरोना के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. ऐसे में अब हर किसी के जेहन में सवाल उठने लगा है कि यह महामारी कब खत्म होगी. क्या ओमिक्रॉन के बाद भी कोरोना का नया वेरिएंट आएगा.
शोधकर्ताओं का इस बारे में राय है कि ओमिक्रॉन कोरोना वायरस का आखिरी वेरिएंट नहीं है. इसके बाद भी नए वेरिएंट आ सकते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 (Covid 19) अंततः एक स्थानिक रोग बन जाएगा और दुनिया को इसके साथ रहना सीखना होगा. अगर हम सोचें की कोरोना खत्म हो जाएगा तो कुछ एक्सपर्ट की राय है कि नहीं कोरोना अब स्थायी तौर पर हमारे बीच ही रहेगा.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के एक महामारी विज्ञानी सेबस्टियन फंक ने पत्रिका नेचर को बताया कि उन्हें लगता है कि एक बड़ी आबादी के पास मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली है, ऐसे में इसका अंदेशा कम है कि आने वाले समय में कोरोना का और घातक रूप देखेंगे.
इधर, शीर्ष वायरोलॉजिस्ट एरिस काटजोराकिस ने कोरोनावायरस के खिलाफ गंभीर चेतावनी देते हुए कहा है कि इसे हल्के में लेने की भूल न करें. उन्होंने कहा कि बेशक कोरोना एक स्थानिक बीमारी बन जाएगा, लेकिन यह बड़ा खतरा भी बन सकता है. उन्होंने कहा कि एक बीमारी स्थानिक तब होती है जब इसे संक्रमित करने वाले लोगों की संख्या मूल प्रजनन संख्या को संतुलित कर देती है.
कई शोधकर्ताओं का मानना है कि मौजूदा टीका कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खिलाफ कारगर नहीं है. मौजूदा टीका कोरोना के खिलाफ ज्यादा एंटीबॉडी का निर्माण नहीं कर पाते. ऐसे में उन्होंने कहा है कि अगर ओमिक्रॉन अपना स्ट्रेन चेंज करता है तो ये बड़ी मुसीबत भी बन सकता है.
Posted by: Pritish Sahay