Triple Talaq: केंद्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में तीन तलाक विधेयक 30 जुलाई, 2019 को पारित हो चुका है. इसी के साथ, मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक कहकर पत्नी को तलाक देना आपराध बन चुका है. वहीं, अहमदिया मुस्लिम यूथ एसोसिएशन अध्यक्ष तारिक अहमद ने तीन तलाक के मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मोदी सरकार के इस फैसले को अच्छा बताया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदिया मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष तारिक अहमद ने कहा है कि इस्लाम भी तीन तलाक को नहीं मानता. उन्होंने कहा कि तीन तलाक को लेकर मोदी सरकार ने जो कदम लिया, वह अच्छा है. इससे महिला सशक्तिकरण और जो महिलाएं (अपने अधिकार से) वंचित रही उनको स्थान देने के लिए भी अच्छा है. इसलिए हम हुकूमत के इस कदम की सराहना करते हैं. बताते चलें कि इस विधेयक को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 के नाम से जाना जाता है. बताया जाता है कि इसके लागू होने के बाद मुस्लिम समाज की महिलाओं को काफी राहत मिली.
इस्लाम भी तीन तलाक को नहीं मानता। तीन तलाक को लेकर जो मोदी सरकार ने कदम लिया वह अच्छा है। इससे महिला सशक्तिकरण और जो महिलाएं (अपने अधिकार से) वंचित रही उनको स्थान देने के लिए भी अच्छा है। इसलिए हम हुकूमत के इस कदम की सराहना करते हैं:अहमदिया मुस्लिम यूथ एसोसिएशन अध्यक्ष तारिक अहमद pic.twitter.com/ujBrA2nGBm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 22, 2023
इससे पहले, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तीन तलाक प्रथा का बचाव करते हुए तीन तलाक को आपराधिक बनाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए सवाल उठाया है. पिनाराई विजयन ने पूछा कि जब अन्य सभी धर्मों के तलाक को सिवित मैटर के रूप में देखा जाता है तो केवल तलाक मुसलमानों के लिए ही अपराध क्यों माना जाता है. विभिन्न धार्मिक बैगग्राउंट के लोग होते हैं क्या हम प्रत्येक व्यक्ति को सजा देने के लिए अलग-अलग तरीके का उपयोग कर सकते हैं? पिनारई विजयन ने कहा, ये क्या न्याय है कि एक निश्चित धर्म का पालन करने वाले व्यक्ति के लिए एक कानून है और दूसरे के लिए एक अलग कानून है? क्या तीन तलाक के मामले में हम यही नहीं देख रहे हैं?