इजराइल के दक्षिण में अभूतपूर्व युद्ध जैसे हालात को देखते हुए शनिवार को इजराइल और फलस्तीन स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को “सतर्क रहने” और “सुरक्षा नियमों का पालन” करने की सलाह दी है.
दूतावास ने अपने परामर्श में कहा, “इजराइल में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, इजराइल में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे सतर्क रहें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा नियमों का पालन करें. कृपया सावधानी बरतें, अनावश्यक आवाजाही से बचें और सुरक्षित स्थलों के करीब रहें.”
परामर्श अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, मलयाली और कन्नड़ भाषाओं में जारी किया गया है. दूतावास की वेबसाइट पर दिए गए विवरण के अनुसार, इजराइल में लगभग 18,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें मुख्य रूप से इजराइली बुजुर्गों, हीरा व्यापारियों, आईटी पेशेवरों और छात्रों की देखभाल करने के लिए नियुक्त लोग शामिल हैं.
इजराइल में भारतीय मूल के लगभग 85,000 यहूदी भी हैं जो पचास और साठ के दशक में भारत से इजराइल गए थे.
उधर, रामल्ला में, फलस्तीन में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने शनिवार देर रात एक्स पर एक सार्वजनिक परामर्श पोस्ट किया, “मौजूदा सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर, फलस्तीन में भारतीय नागरिक आपातकाल या जरूरत के किसी भी मामले से निपटने के लिए सीधे भारत के प्रतिनिधि कार्यालय से 24 घंटे की आपातकालीन हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकते हैं.”
हमास के चरमपंथियों ने शनिवार को एक प्रमुख यहूदी अवकाश के दौरान सुबह एक अभूतपूर्व अप्रत्याशित हमले में गाजा पट्टी के निकट इजराइली शहरों पर हजारों रॉकेट दागे और वहां दर्जनों लड़ाके भेजे, जिसमें कम से कम 200 लोगों की मौत हुई और 1,100 लोग घायल हुए.
इजराइल ने कहा कि वह अब हमास के साथ युद्धरत है और जवाबी कार्रवाई में गाजा पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं. इजराइल की राष्ट्रीय बचाव सेवा ने कहा कि कम से कम 200 लोग मारे गए हैं और 1,100 घायल हुए हैं, जिससे यह इजराइल में पिछले कुछ वर्षों में सबसे घातक हमला बन गया है.
गाजा में फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजराइल की जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में कम से कम 198 लोग मारे गए हैं और कम से कम 1,610 घायल हुए हैं.
मध्य गाजा शहर में शाम को हुए हवाई हमले में 14 मंजिला एक आवासीय टॉवर नष्ट हो गया, जिसमें हमास का कार्यालय भी स्थित है. इज़राइली ने कुछ देर पहले ही चेतावनी जारी की थी और हताहतों की संख्या का तुरंत पता नहीं चल पाया है.
इसके तुरंत बाद, मध्य इजराइल में हमास के रॉकेट हमले ने तेल अवीव और पास के उपनगर सहित चार शहरों को निशाना बनाया, जहां दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल के दक्षिणी हिस्सों में गाजा पट्टी में शासित चरमपंथी समूह हमास की ओर से शनिवार की सुबह किया गया हमला इजराइल की ‘खुफिया विफलता’’ का नतीजा है.
इजराइली सेना के अनुसार, हमास के आतंकवादियों ने गाजा पट्टी से इजराइल में 2,000 से अधिक रॉकेट दागे. हमास ने शनिवार को इजराइल पर अभूतपूर्व हमला करते हुए हजारों रॉकेट दागे जबकि हमास के सैकड़ों लड़ाके हवाई, जमीनी और समुद्र के रास्ते इजराइली सीमा में घुस गए.
हमला शुरू होने के कई घंटे बाद भी, हमास के चरमपंथी कई इजराइली इलाकों में गोलीबारी कर रहे थे. हमास के इस हमले ने इजराइल को चौंका दिया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल को हमेशा अपनी खुफिया एजेंसियों, घरेलू इकाई शिन बेट और विशेष रूप से अपनी बाहरी जासूसी एजेंसी मोसाद पर गर्व रहा है, लेकिन इस हमले से उसकी ‘खुफिया विफलता’ दिखाई पड़ती है.
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल, ईरान का मुकाबला करने और इस्लामिक गणराज्य के परमाणु कार्यक्रम को विफल करने के प्रयासों में इतना व्यस्त हो गया कि उसने अपने ही निकट स्थित क्षेत्र की अनदेखी कर दी.
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ ने एक पूर्व खुफिया प्रमुख अमोस याडलिन के हवाले से कहा कि हमले से खुफिया जानकारी की विफलता नजर आती है.
कुछ विशेषज्ञ सरकार द्वारा शुरू की गई न्यायिक सुधार योजना के मद्देनजर इजराइल के भीतर आंतरिक विभाजन को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
इजराइली सरकार के अधिकारी युद्ध जैसी स्थिति में इजराइल की तैयारियों के बारे में चिंतित नजर आये और देशभर में आश्रय केंद्रों की जांच की.
इजराइल ने हाल में हमास के साथ संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि राजनीति की घरेलू बाधाओं के कारण चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया.