कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ फाइजर भी कम प्रभावी, इजरायल सरकार का दावा
कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के बारे में रोज नयी जानकारी सामने आ रही है, कोरोना वैक्सीन भी इस वैरिएंट पर बहुत प्रभावकारी सिद्ध नहीं हो रहा है. इसी क्रम में एक नयी जानकारी सामने आयी है जिसमें यह कहा जा रहा है कि अमेरिका की फाइजर कंपनी का वैक्सीन भी डेल्टा वैरिएंट पर बहुत प्रभावी नजर नहीं आ रहा है. उसपर डेल्टा वैरिएंट का नया म्यूटेशन डेल्टा प्लस वैरिएंट पूरे विश्व की चिंता बढ़ा चुका है.
कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के बारे में रोज नयी जानकारी सामने आ रही है, कोरोना वैक्सीन भी इस वैरिएंट पर बहुत प्रभावकारी सिद्ध नहीं हो रहा है. इसी क्रम में एक नयी जानकारी सामने आयी है जिसमें यह कहा जा रहा है कि अमेरिका की फाइजर कंपनी का वैक्सीन भी डेल्टा वैरिएंट पर बहुत प्रभावी नजर नहीं आ रहा है. उसपर डेल्टा वैरिएंट का नया म्यूटेशन डेल्टा प्लस वैरिएंट पूरे विश्व की चिंता बढ़ा चुका है.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार इज़राइली सरकार ने कहा है कि फाइजर की कोविड -19 वैक्सीन पिछले कुछ सप्ताह से देश में कोरोनावायरस के डेल्टा वैरिएंट से लोगों को संक्रमित होने से बचाने में कम प्रभावी नजर आ रहा है. इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि फाइजर वैक्सीन ने देश के 64 प्रतिशत लोगों को 6 जून से जुलाई की शुरुआत में वायरस से बचाया, जो पहले के 94 प्रतिशत से कम था. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह पता चलता है कि इजरायल में डेल्टा वैरिएंट के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है.
जून की शुरुआत में जब प्रतिबंध हटाये गये तो डेल्टा वैरिएंट के मामले बढ़ने लगे. हालांकि सरकारी आंकड़ों से इस बात की पुष्टि भी होती है कि फाइजर वैक्सीन के कारण लोग गंभीर बीमारी से कम पीड़ित हो रहे हैं और उन्हें अस्पताल में भरती करने की नौबत नहीं आ रही है. इस मामले में वैक्सीन ने 93 प्रतिशत की प्रभावकारिता के साथ काम किया है.
फाइजर इंक की प्रवक्ता डर्विला कीन ने इजरायल सरकार के निष्कर्षों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के नये वैरिएंट पर फाइजर टीका प्रभावी है ऐसा कई शोध बताते हैं, हालांकि इसमें कुछ कमी देखी है इस बात को उन्होंने स्वीकार किया है.
Posted By : Rajneesh Anand