Chandrayan-3 On Moon: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को कहा कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने के एक दिन बाद उसे इसके और नजदीक पहुंचाने की कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई. इसरो ने कहा कि वह इस तरह की अगली कवायद 9 अगस्त को करेगा. साथ ही इसरो ने चंद्रयान-3 द्वारा ली गयी चांद की पहली तस्वीर जारी की है.
#WATCH | First images of the moon captured by Chandrayaan-3 spacecraft
— ANI (@ANI) August 6, 2023
The Moon, as viewed by #Chandrayaan3 spacecraft during Lunar Orbit Insertion (LOI) on August 5: ISRO
(Video Source: Twitter handle of LVM3-M4/CHANDRAYAAN-3 MISSION) pic.twitter.com/MKOoHI66cP
ISRO ने किया ट्वीट
इसरो ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘अंतरिक्षयान ने चंद्रमा के और नजदीक पहुंचने की एक प्रस्तावित प्रक्रिया पूरी कर ली है. इंजनों की ‘रेट्रोफायरिंग’ ने इसे चंद्रमा की सतह के और करीब पहुंचा दिया, यानी अब 170 किलोमीटर गुणा 4,313 किलोमीटर.’’
अगली कवायद 9 अगस्त, 2023 को
इसरो ने कहा, ‘‘(चंद्रयान को) चंद्रमा के और नजदीक पहुंचाने की अगली कवायद 9 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजे से दोपहर दो बजे के बीच किये जाने का कार्यक्रम है.’’ 17 अगस्त तक तीन और अभियान प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी, जिसके बाद लैंडिंग मॉड्यूल ‘प्रपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा.
लैंडर पर ‘डी-आर्बिटिंग’ कवायद की जाएगी
इसके बाद, लैंडर पर ‘डी-आर्बिटिंग’ कवायद की जाएगी. इसके बाद, चंद्रमा की सतह पर उतरने से से पहले लैंडर पर ‘डी-ऑर्बिटिंग’ कवायद को अंजाम दिया जाएगा. इसरो के मुताबिक, यह 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा.
अमेरिका, चीन और रूस ही अब तक चंद्रमा की सतह पर उतरने में सफल
बता दें कि इसरो ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के तीसरे संस्करण का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा, जिसका अब तक अन्वेषण नहीं किया गया है. साथ ही जानकारी दे दें कि केवल तीन देश, अमेरिका, चीन और रूस ही अब तक चंद्रमा की सतह पर उतरने में सफल रहे हैं.
चंद्रयान-3’ चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा के 40 दिन के महत्वपूर्ण चरण से गुजरेगा
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने कहा कि 14 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया ऐतिहासिक ‘चंद्रयान-3’ मिशन 40 दिन के महत्वपूर्ण चरण से गुजरेगा और अंतत: चंद्रमा की सतह पर ‘लैंडिंग’ के लिए इसमें लगे ‘थ्रस्टर्स’ की मदद से इसे पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा. नायर ने 15 जुलाई को तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रक्षेपण यान ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और अंतरिक्ष यान के लिए आवश्यक प्रारंभिक स्थितियां “बहुत सटीकता” से प्रदान की गई हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए ‘चंद्रयान-3’ का सफल प्रक्षेपण किया था.