चेन्नई : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष डॉ कैलाशवादिवू सिवन ने शनिवार को कहा कि महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ के लिए इसरो ‘ग्रीन प्रोपल्शन’ विकसित कर रहा है. इसे रॉकेट के हर चरण में उपयोग के लिए अपनाया जा सकता है.
चेन्नई के काट्टनकुलाथुर स्थित एसआरएम विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए के सिवन ने कहा कि भारत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम की हर असफलता से सीखा है. साथ ही अपनी कार्य प्रणाली में भी सुधार किया है.
उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किये जाने की जरूरत है कि पर्यावरणीय क्षति पर रोक लगाने के लिए हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाया जाये. उन्होंने बताया कि इसरो ने अंतरिक्ष ग्रेड लिथियम-आयन बैटरी बनायी है. यह तकनीक इलेक्ट्रिक वाहन के लिए उपयोगी है.
साथ ही इसरो अध्यक्ष सिवन ने कहा कि मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए हरित प्रणोदन विकसित कर रहा है. इसका उपयोग रॉकेट संचालन में भी किया जा सकता है.
छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि असफलता से बचने के लिए हमें स्वयं के लिये गये जोखिमों का मूल्यांकन करना चाहिए. जब आप अपने जोखिमों का मूल्यांकन करते हैं, तभी आप असफलता से से बच सकते हैं. अगर आप असफल हो भी जाते हैं, तो हर असफलता आपको नयी सीख दे जाती है.
साथ ही कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव ऐसी ही असफलताओं के बाद बनी है. इसमें मिली हर असफलता से हमें अपनी प्रणाली को सुधारने का अवसर दिया है. दूसरी महत्वपूर्ण चीज है नवाचार. असफलता के खतरे उठाने के बाद ही नवाचार का विचार मिलता है.