ISRO PROBA-3 Satellite: इसरो को अंतिम समय में टालना पड़ा PROBA-3 की लॉन्चिंग, अब इस दिन भरेगी उड़ान
ISRO PROBA-3 Satellite: इसरो ने Proba-3 मिशन को कल तक के लिए टाल दिया है. उड़ान भरने से कुछ ही समय पहले यान में कुछ गड़बड़ी आने के कारण उड़ान को टालना पड़ा. अब यह लॉन्चिंग कल यानी गुरुवार (पांच दिसंबर) को शाम 4 बजकर 12 मिनट पर होगी. जानिए इसरो के मिशन की खास बातें.
ISRO PROBA-3 Satellite: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने PROBA-3 सैटेलाइट की लॉन्चिंग, निर्धारित समय से थोड़ी देर पहले टाल दी. इसरो ने कहा कि प्रोबा-3 यान में अचानक आयी कुछ गड़बड़ होने के कारण प्रक्षेपण को टालना पड़ा. अब PROBA-3 कल यानी गुरुवार (5 दिसंबर) को उड़ान भरेगी. इसरो ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने एक पोस्ट में कहा है कि PROBA-3 अंतरिक्ष यान में पायी गई गड़बड़ी के कारण PSLV-C59/PROBA-3 प्रक्षेपण को कल तक के लिए टाल दिया गया है. अब यह गुरुवार शाम 4 बजकर 12 मिनट पर उड़ान भरेगी.
बता दें, प्रोबा-3 दुनिया का पहला प्रेसिशन फॉर्मेशन फ्लाइंग सैटेलाइट है. इसका मतलब है कि इसमें एक नहीं दो सैटेलाइट लॉन्च होंगे. पहला Occulter है, जिसका वजन 200 किलोग्राम है. वहीं दूसरा स्पेसक्रॉफ्ट Coronagraph है. इसका वजन 340 किलोग्राम है. इस सेटेलाइट का फेस सूरज की तरफ होगा. लॉन्चिंग के बाद दोनों सैटेलाइट अलग हो जाएंगे. हालांकि बाद में इन्हें एक साथ पोजिशन किया जाएगा. इसका काम सोलर कोरोनाग्राफ बनाना है. यह सूर्य के कोरोना की स्टडी करेंगे. दोनों उपग्रह सूर्य के धुंधले कोरोना का अध्ययन करने के लिए करीब 150 मीटर लंबा सौर कोरोनाग्राफ बनाएंगे.
इस मिशन की खास बातें
पहली बार अंतरिक्ष में प्रेसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग सैटेलाइट की टेस्टिंग की जा रही है. इसमें एक साथ दो सैटेलाइट उड़ान भरेंगे. जो लगातार एक ही फिक्स कॉन्फिगरेशन को मेंटेन करेंगे. यह यूरोप के कई देशों का एक पार्टनरशिप प्रोजेक्ट है. इमें पार्टनरशिप में स्पेन, पोलैंड, बेल्जियम, इटली और स्विट्जरलैंड जैसे देश शामिल हैं. इस मिशन की कुल लागत करीब 200 मिलियन यूरो है. यह मिशन 2 सालों तक चलेगा.