भारतीय वैज्ञानिकों ने सफलता के नए कीर्तिमान गढ़े हैं. क्या आपको पता है कि भारतीय वैज्ञानिक खतरे से भी घिरे रहते हैं. इसरो के एक बड़े वैज्ञानिक और अहमदाबाद स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के पूर्व निदेशक तपन मिश्रा को जहर दिया गया था. तपन मिश्रा ने फेसबुक पोस्ट में 2017 में जहर देने का दावा किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा है ‘पता नहीं जहर किसने और किस कारण दिया.’ उनकी पोस्ट वायरल हो गई है.
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भारतीय वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने फेसबुक पोस्ट में जिक्र किया है कि ‘बेंगलुरू में प्रमोशन इंटरव्यू के समय नाश्ते में जहर मिलाकर दिया गया. उन्हें दिया गया जहर एक इनऑर्गेनिक ऑर्सेनिक था. इसकी एक ग्राम मात्रा भी किसी इंसान की जान लेने के लिए काफी होती है.’ तपन मिश्रा के मुताबिक ‘उन्हें दो साल तक लगातार इलाज कराना पड़ा था. उन्हें दिया गया जहर काफी खतरनाक था. बावजूद उनकी जान बच गई.’
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जनवरी में रिटायर होने जा रहे वैज्ञानिक तपन मिश्रा के मुताबिक ‘देश के लोगों को सच्चाई का पता चलना चाहिए. लोग जान सकें कि उनके साथ क्या-क्या हुआ था?’ तपन मिश्रा ने फेसबुक पोस्ट में इसरो के वैज्ञानिकों की मौत का भी जिक्र किया है. उनकी पोस्ट में लिखा गया है ‘साल 1971 में प्रोफेसर विक्रम साराभाई की मौत भी संदिग्ध थी. 1999 में वीएसएससी के निदेशक डॉ. एस श्रीनिवासन की मौत पर भी सवाल उठाए गए थे. जबकि,1994 में श्री नांबीनारायण का केस हमारे सामने आया था.’
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तपन मिश्रा की मानें तो उन्हें नहीं पता था वो भी इसका एक हिस्सा बनेंगे. 23 मई 2017 को उन्हें जानलेवा आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड दिया गया था. इसके बाद से वो पिछले दो साल से लगातार बुरी हालत में हैं. तपन मिश्रा के मुताबिक ‘उन्हें इलाज के लिए अहमदाबाद अस्पताल में एडमिट कराया गया था. उन्होंने जायडस कैडिला अहमदाबाद, टाटा मेमोरियल अस्पताल मुबंई और एम्स दिल्ली में भी अपना इलाज करवाया है.’ उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट, तसवीर और एम्स का पर्चा भी फेसबुक पोस्ट में अटैच किया है.
Posted : Abhishek.