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Jagannath Puri Rath Yatra 2020 Live Updates: पुरी जगन्नाथ रथयात्रा शुरू, पुरी के महाराज ने सोने की झाडू से रथ को बुहारा

Jagannath Puri Rath Yatra 2020 Today Live News Streaming Online Updates Ahmedabad Images, Photos: कोरोना संकट काल के इस दौर में तमाम दिशा-निर्देशों के बीच आज से विश्‍व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गयी. 2500 साल से ज्यादा पुराने रथयात्रा के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका है, जब भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकल रही है, लेकिन भक्त घरों में कैद हैं. रथयात्रा से पहले पुरी को शटडाउन कर दिया गया था. पुरी में रथ यात्रा के दौरान कोरोना के मद्देनजर कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध हैं. भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से जुड़ी तमाम अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ

By Utpal Kant | June 23, 2020 1:46 PM
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मुख्य बातें

Jagannath Puri Rath Yatra 2020 Today Live News Streaming Online Updates Ahmedabad Images, Photos: कोरोना संकट काल के इस दौर में तमाम दिशा-निर्देशों के बीच आज से विश्‍व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गयी. 2500 साल से ज्यादा पुराने रथयात्रा के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका है, जब भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकल रही है, लेकिन भक्त घरों में कैद हैं. रथयात्रा से पहले पुरी को शटडाउन कर दिया गया था. पुरी में रथ यात्रा के दौरान कोरोना के मद्देनजर कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध हैं. भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से जुड़ी तमाम अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ

लाइव अपडेट

दिल्ली के जगन्नाथ मंदिर पहुंचे केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अपने सगे संबंधियों के साथ दिल्ली के हौज खाज स्थित मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने भगवान की पूजा-अर्चना की..

मौसी के घर जाते हैं भगवान जगन्नाथ

भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं. पुरी का गुंडिचा मंदिर भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है. यहां भगवान 7 दिनों तक आराम करते हैं. इसके बाद वापसी की यात्रा शुरु होती है. ओडिशा में पुरी के अलावा भी कई जगहों पर ऐसी यात्राएं आयोजित की जाती हैं.

रथयात्रा शुरू

जगत के नाथ जगन्नाथ पुरी में पहला रथा खींचा गया. देवी सुभद्रा का काले घोड़ों से जुता रथ मंदिर के सेवकों ने खींचना शुरू किया. सबसे आगे यही रथ है. इससे पहले सुबह भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा देवी को गर्भगृह से लाकर रथों में विराजित किया गया. पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और पुरी के राजा गजपति महाराज दिब्यसिंह देब भी पूजन करने पहुंचे. उन्होंने सोने की झाडू से भगवान जगन्नाथ का रथ बुहारा.

'छेड़ा पहंरा' की रस्म

पुरी के राजा गजपति महाराज दिब्यसिंह देब भी रथयात्रा में भाग लेने के लिए पुरी के जगन्नाथ मंदिर पहुंचे. उन्होंने 'छेड़ा पहंरा' की रस्म निभायी.

कुछ ही देर में शुरू होगी रथयात्रा

पुरी में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा देवी को जयजयकार के बीच गर्भगृह से लाकर रथों में विराजित कर दिया गया है. पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और गजपति महाराज दिब्यसिंह देब भी पूजन करने पहुंचे. पूजन के बाद पुरी के गजपति महाराज ने सोने की झाडू से भगवान जगन्नाथ का रथ बुहारा. सेवकों ने रथों से घोड़ों को बांधना शुरू कर दिया है. कुछ ही देर में रथयात्रा शुरू हो जाएगी.

कोरोना पॉजिटिव निकला मंदिर का सेवादार

एएनआई से ओडिशा के कानून मंत्री ने कहा- जगन्नाथ मंदिर के एक सेवादार का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद रथयात्रा में शामिल होने वाले सभी लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया था. कोरोना संक्रमित सेवादार को रथयात्रा में शामिल होने नहीं दिया गया है.

रक्षा मंत्री ने किया ये ट्वीट

रूस दौरे पर गये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया- जगन्नाथ यात्रा के शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. भगवान जगन्नाथ हमें अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें और हमारे जीवन में खुशियां और समृद्धि लाएं. जय जगन्नाथ!

यहां देखें लाइव वीडियो

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी शुभकामनाएं

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, रथ यात्रा के पावन अवसर पर सभी देशवासियों, विशेष रूप से ओडिशा में प्रभु जगन्नाथ के श्रद्धालुओं को बधाई. मैं कामना करता हूं कि प्रभु जगन्नाथ की कृपा, कोविड-19 का सामना करने‌ के लिये हमें साहस व संकल्प-शक्ति प्रदान करे और हमारे जीवन में स्वास्थ्य और आनंद का संचार करे.

रथ पर विराजमान हुए भगवान जगन्ननाथ

पुरी में जगन्नाथ मंदिर से रथयात्रा की शुरुआत हो गई है. भगवान जगन्ननाथ और परिवार को रथ पर विराजमान कराया गया. इस बार की रथयात्रा काफी अनोखी है क्योंकि मंदिर परिसर में सीमित संख्या में ही लोग हैं. केवल पुजारियों और सेवादारों को ही रथयात्रा में शामिल होने की अनुमति है. कोरोना संकट के कारण ये फैसला लिया गया है.

पुरी मंदिर को किया गया सेनेटाइज

अहमदाबाद में भी रथयात्रा

अहमदाबाद में रथयात्रा मंदिर परिसर से बाहर नहीं निकलेगी. सोमवार देर रात तक कोर्ट में जिरह हुई लेकिन कोर्ट ने कहा कि पुरी और अहमदाबाद की स्थिति एक जैसी नहीं है. रथयात्रा की अनुमति नहीं दे सकते. आज सुबह गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी मंदिर पहुंचे और सोने के झाड़ू से झाड़ू लगाया. चंद भक्तों के बीच सुबह 4 बजे मंगला आरती और दर्शन शुरू हुए. भगवान जगन्नाथ को रथ में बिठाकर पूरे दिन भक्त मंदिर परिसर में ही दर्शन कर सकेंगे. सिर्फ 10 लोगों को एक साथ मंदिर परिसर में आने की इजाजत मिलेगी. सोशल डिस्टेंसिंग और थर्मल चेकिंग के बाद भक्तों को मंदिर में आने दिया जाएगा.

पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

रथ यात्रा के पावन-पुनीत अवसर पर पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

पुरीः रथयात्रा के लिए जमा हुए पुजारी

पुरी मंदिर में रथयात्रा के लिए पुजारी जमा होने लगे है. कोरोना संकट के मद्देनजर मात्र 500 लोग ही इस बार इस विश्व प्रसिद्ध आयोजन का हिस्सा हो सकते हैं.

पुरी रथयात्रा विधि-विधानों के साथ शुरू

विश्‍व प्रसिद्ध जगन्‍नाथ पुरी रथयात्रा आज सुबह मंगल आरती और पारम्‍परिक विधि-विधानों के साथ शुरू हुई. पहंडी सुबह सात बजे आरम्‍भ हुई. सुबह 10 बजे तक भगवान जगन्‍नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के विग्रह रथ पर आसीन किए जाएंगे.

अहमदाबाद में रथ यात्रा नहीं, मंदिर पहुंचे सीएम रुपाणी

अहमदाबाद में भगवान जगन्‍नाथ की यात्रा को अनुमति देने के लिए गुजरात हाईकोर्ट में सोमवार देर रात तक सुनवाई हुई लेकिन गुजरात सरकार के पक्ष में फैसला नहीं आया. एएनआई के मुताबिक, गुडरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि मैं मंदिर के ट्रस्टी और महंथ को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मंदिर परिसर के अंदर ही रथयात्रा करने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री रुपाणी मंदिर पहुंच चुके हैं.

काशी में 218 साल पुरानी परंपरा टूटी

काशी में इस बार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकलेगी. कोरोना संक्रमण के कारण भगवान का नगर भ्रमण और यात्रा को स्थगित कर दिया गया है. पांच जून को होने वाले भगवान के स्नान में भी आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित था. प्राय: सभी देवताओं का गर्भगृह मंदिर के केंद्र में होता है व विग्रह हटाए नहीं जाते लेकिन धार्मिक व लोकमान्यता अनुसार जगन्नाथ जी साल में एकबार भ्रमण पर निकलते हैं. जगन्नाथपुरी व काशी समेत जहां भी रथयात्रा उत्सव मनाया जाता है. रथ सड़क के मध्य सजता है, जो गर्भगृह हो जाता है. पूरे भारत में काशी ही ऐसी नगरी है जहां तीन दिनी रथयात्रा महोत्सव मनाया जाता है. जानकारी के मुताबिक, सन 1802  से काशी में रथयात्रा मेले का आयोजन निरंतर किया जा रहा है. यह नियमित परंपरा 218 सालों से चली आ रही थी मगर इस बार कोरोना सकंट के कारण ये पंरपरा टूट गई.

ओडिशा के सीएम ने कोर्ट और केंद्र को कहा धन्यवाद

कोरोना संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकालने के लिए सशर्त इजाजत दी है. कोर्ट ने मंदिर समिति, ओडिशा और केंद्र सरकार से लोगों के स्वास्थ्य के साथ समझौता किए बिना समन्वय के साथ काम करने का आदेश दिया है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद कहा है. साथ ही साथ उन्होंने केंद्र सरकार के समर्थन के लिए आभार प्रकट किया है. सीएम पटनायक ने कहा कि ओडिशा सरकार और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन रथयात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सबकुछ ठीक ढंग से हो इसके लिए पुरी में तीन मंत्रियों की तैनाती की गई है. उन्होंने कहा कि दुनिया हमारे तरफ देख रही है. हमें इस दौरान हमें अनुशासन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है और दुनिया के लिए एक उदाहरण पेश करना है.

पुरी में 41 घंटे का शटडाउन

रथ यात्रा को लेकर सोमवार रात 9 बजे से बुधवार दोपहर 2 बजे तक पुरी में शटडाउन रहेगा. सभी एंट्री पॉइंट्स बंद रहेंगे और आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा. ये शटडाउन करीब 41 घंटे रहेगा.ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी असित त्रिपाठी ने कहा कि रथ यात्रा के दौरान कोरोना के मद्देनजर कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध रहेंगे. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुरी में रथ यात्रा से पहले हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, हाईवे, सहित शहर में एंट्री के सभी रास्ते बंद कर दिए जाएं. तीनों रथ को खींचने के लिए प्रति रथ 500 से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए. रथ के बीच पर्याप्त दूरी रखी जाए.

पुरी रथ यात्रा में कौन होंगे शामिल

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रथ यात्रा दौरान पारंपरिक अनुष्ठान में भी सिर्फ जरूरी लोगों को इजाजत होगी. इनमें मंदिर कमेटी वाले पंडे, अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल हैं. कोर्ट ने इनके भी शामिल होने की शर्त रखी है. रथ यात्रा में वही शामिल होगा, जिसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होगी. शर्तों और अन्य मानदंडों के अनुसार, रथ यात्रा के संचालन की प्राथमिक जिम्मेदारी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन समिति के प्रभारी की होगी. राज्य सरकार उन सभी लोगों का रिकॉर्ड बनाए रखेगी, जिन्हें रथ यात्रा में भाग लेने की अनुमति दी गई है और अनुष्ठान में भाग लेने वालों का मेडिकल रिकॉर्ड भी रखा जाएगा.

पुरी मंदिर के सामने आया रथ

2500 साल से ज्यादा पुराने रथयात्रा के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका होगा, जब भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलेगी, लेकिन भक्त घरों में कैद रहेंगे. कोरोना महामारी के चलते पुरी शहर को टोटल लॉकडाउन करके रथयात्रा को मंदिर के सेवक गुंडिचा मंदिर तक ले जाएंगे. 2.5 किमी की इस यात्रा के लिए मंदिर समिति को दिल्ली तक का सफर पूरा करना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद मंदिर समिति के साथ कई संस्थाओं ने सरकार से मांग की कि रथयात्रा के लिए फिर प्रयास करें. कोर्ट में कई याचिकाएं लगाई गईं. अंततः फैसला मंदिर समिति के पक्ष में आया. फैसला आते ही, सेवकों ने रथशाला में खड़े रथों को खींचकर मंदिर के सामने ला खड़ा किया.

आज से जगन्नाथ रथ यात्रा

हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया को जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू होती है, जो एकादशी की तिथि को समाप्त होती है. इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा आज से शुरू हो रही है, जो 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन समाप्त होगी. कालांतर से यह पर्व श्रद्धा और भक्ति पूर्वक मनाया जाता है. इस यात्रा में भगवान श्रीकृष्ण और बलराम अपनी बहन सुभद्रा को नगर की सैर कराते हैं.

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