नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जगन्नाथ पूरी की रथ यात्रा पर रोक लगा दिया है. कोर्ट ने यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई के बाद दिया, जिसमें कहा गया था कि जगन्नाथ पूरी में प्रशासन रथ यात्रा की तैयारी में है, इस पर कोर्ट हस्तक्षेप करे. रथयात्रा पर यह रोक पहली बार होगा. 284 साल में पहली बार ऐसा होगा कि जब जगन्नाथ यात्रा नहीं निकाली जाएगी.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने ओडिशा के पूरी में निकलने वाली यात्रा को स्थगित कर दिया है, कोर्ट ने यह फैसला लोगों के स्वस्थ्य को देखते हुए किया है. बतै दें कि 23 जून को यह यात्रा निकलने वाली थी, जिसमें लगभग 10 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान लगगाया जा रहा था.
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284 साल में पहली बार- आउटलुक की एक रिपोर्ट के अनुसार पुरी में 284 साल में ऐसा पहली बार होगा, जब जगन्नाथ रथयात्रा नहीं निकाला जायेगा. रथयात्रा पर रोक पहली बार लगा है, आज तक कई मौके आये, लेकिन रथयात्रा नहीं रुका.
गृह मंत्रालय से मिली थी इजाजत– 8 मई को यात्रा को लेकर गृह मंत्रालय ने इजाजत दी थी. मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ यह इजाजत दी थी. वहीं रथयात्रा प्रशासन ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी थी. इस यात्रा के करीब सिर्फ पुजारियों और प्रशासन की टीम को आने की इजाजत थी. वहीं पूरे शहर में 144 लागू कर यात्रा निकालने की तैयारी हो रही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा- सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि अगर हम इस साल रथ यात्रा की अनुमति देंगे तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे. महामारी के दौरान इतना बड़ा समागम आयोजित नहीं हो सकता है. न्यायालय ने आगे कहा कि नागरिकों की सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित को ध्यान में रखते हुये इस साल पुरी में रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती.