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Jagdeep Dhankhar: जानिए कौन हैं जगदीप धनखड़? जिसे NDA ने बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार

Jagdeep Dhankhar: कहा जाता है कि धनखड़ की खूबियों के कारण उन्हें पश्चिम बंगाल का उपराज्यपाल बनाया गया. अब धनखड़ सियासत में नई पारी खेलने के लिए तैयार है. बीजेपी नीत एनडीए ने उन्हें अपना उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है.

EXplainer, Jagdeep Dhankhar: राजस्थान की सियासत का एक चर्चित चेहरा… पश्चिम बंगाल के मौजूदा गवर्नर और अब भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार… लेकिन जगदीप धनखड़ की राजनीतिक विरासत इतने में ही नहीं ठहरती. सियासत के जिस मंजे हुए खिलाड़ी को एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार (Vice President Election 2022) बनाया है वो केन्द्रीय मंत्री रहने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ट अधिवक्ता भी रह चुके हैं. जाट आरक्षण आंदोलन को मुकाम पर पहुंचाने में धनखड़ की अहम भूमिका रही है.

जगदीप धनखड़ के नाम पर मुहर

एनडीए ने जगदीप धनखड़ को बतौर उपराष्ट्रपति पद (Vice President Election 2022) के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है. भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसकी घोषणा की है. संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नड्डा के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य भी मौजूद थे. गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति की रेस में इससे पहले मुख्तार अब्बास नकवी, नजमा हेपतुल्ला और केरल के राज्यपाल के भी नामों पर चर्चा चल रही थी.

राजस्थान के धनखड़ का है गहरा नाता

भारत के उपराष्ट्रपति पद के बीजेपी प्रत्याशी जगदीप धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनू जिले के रहने वाले हैं. झुंझुनू के किठाना गांव के वे निवासी हैं. सियासत के बड़े खिलाड़ी माने जाने वाले धनखड़ की आरंभिक शिक्षा-दीक्षा किठाना गांव के ही सरकारी माध्यमिक विद्यालय से शुरू हुई थी. जलद ही धनखड़ की प्रतिभा सबके सामने आने लगी. और मेरिट के आधार पर उनका चयन चित्तौड़गढ़ स्थित सैनिक स्कूल में हो गया. इसके बाद उन्होंने वकालत को बतौर पेशे के तौर पर चुना.

राजस्थान बार काउंसिल से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद जगदीप धनखड़ राजस्थान के बार काउंसिल में बतौर वकील अपने करियर की शुरुआत की. धनखड़ ने वकालत के क्षेत्र में कई झंडे गाड़े. सबसे कम उम्र में राजस्थान बार काउंसिल का अध्यक्ष बनने का सौभाग्य भी धनखड़ के नाम है. इसके बाद धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट के भी वो नामी वकील बन गये थे.

सियासी दांव पेंच बखूबी जानते हैं धनखड़

जगदीप धनखड़ की गिनती कद्दावर नेता और कानून के बड़े जानकारों में होती है. राजस्थान की जाट बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने जाट आरक्षण दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी. कानून के जानकार के अलावा उन्हें सियासत की भी खूब परख है. वो बतौर केन्द्रीय मंत्री काम कर चुके हैं. वो कई पार्टियों में भी रह चुके हैं. झुंझुनूं से वे जनता दल से सांसद रहे हैं. कांग्रेस पार्टी में भी वो रह चुके हैं. हालांकि अजमेर से वो चुनाव हार गये थे. इसके बाद धनखड़ 2003 में बीजेपी से जुड़े.

खूबियों के चलते बने पश्चिम बंगाल के गवर्नर

सियासत में लंबा वक्त गुजार चुके जगदीप धनखड़ को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया. उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई जब बीजेपी बंगाल में जमीन तलाश रही थी. और टीएमसी से तनाव पूरे जोर पर था. ऐसे में बीजेपी ने बंगाल में धनखड़ को राज्यपाल बनाया. कहा जाता है कि धनखड़ की खूबियों के कारण उन्हें पश्चिम बंगाल का उपराज्यपाल बनाया गया. अब धनखड़ सियासत में नई पारी खेलने के लिए तैयार है. बीजेपी नीत एनडीए ने उन्हें अपना उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है.

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