Explainer : चुनाव जीतने पर राजस्थान से दूसरे उपराष्ट्रपति होंगे जगदीप धनखड़, भाजपा ने जाटों को दिया संदेश
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में अपनी मौजूदा भूमिका से पहले 71 वर्षीय धनखड़ एक प्रसिद्ध वकील रहे हैं. उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. धनखड़ का उपराष्ट्रपति चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है.
नई दिल्ली : केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया है. भारत में 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होगा और इसके लिए नामांकन प्रक्रिया 19 जुलाई 2022 दिन मंगलवार को समाप्त हो जाएगा. अगर इस साल के उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में पश्चिम बंगाल के उपराज्यपाल जगदीप धनखड़ चुनाव जीत जाते हैं, तो वह राजस्थान के दूसरे ऐसे नेता होंगे, जो भारत के उपराष्ट्रपति बनेंगे. एनडीए ने उनके नाम का ऐलान शनिवार को किया है.
भैरों सिंह शेखावत थे राजस्थान से पहले उपराष्ट्रपति
21वीं सदी की शुरुआत में जब केंद्र में एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब राजस्थान से भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत भारत के उपराष्ट्रपति बने थे. भैरों सिंह शेखावत ने अगस्त 2002 से जुलाई 2007 तक भारत के 11वें उपराष्ट्रपति के रूप में पद संभाला. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के हैं. भैरों सिंह शेखावत भी उसी शेखावाटी से थे, जिसमें सीकर, झुंझुनू और उत्तर-पूर्वी राजस्थान के आसपास के इलाके शामिल हैं.
जगदीप धनखड़ की जीत तय
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में अपनी मौजूदा भूमिका से पहले 71 वर्षीय धनखड़ एक प्रसिद्ध वकील रहे हैं. उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. धनखड़ का उपराष्ट्रपति चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है. देश के उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं. संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 780 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं. जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता होती है.
1989 में जनता दल के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते थे धनखड़
जगदीप धनखड़ राजस्थन के झुंझुनू में जनता दल के टिकट पर 1989 का लोकसभा चुनाव जीते थे. वह 21 अप्रैल 1990 से लेकर 5 नवंबर 1990 तक केंद्र सरकार में मंत्री रहे. धनखड़ यदि उपराष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं तो यह एक इत्तेफाक ही होगा कि लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति एक ही राज्य के होंगे. फिलहाल, ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष हैं और वह राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 जुलाई है और मतदान छह अगस्त को निर्धारित है. मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है. एनडीए ने 2017 में उपराष्ट्रपति पद के लिए तत्कालीन केंद्रीय मंत्री नायडू को अपना उम्मीदवार बनाया था.
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भाजपा ने जाटों को दिया संदेश
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में जगदीप धनखड़ का चयन कर भाजपा ने जाट समुदाय के लोगों को एक संदेश भी देने की कोशिश की है. जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले और शीर्ष पदों पर काम कर चुके प्रमुख जाट नेताओं में चौधरी चरण सिंह और देवीलाल शुमार हैं. चरण सिंह जहां देश के प्रधानमंत्री रहे हैं, वहीं देवी लाल उपप्रधानमंत्री रह चुके हैं. हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनकी एक बड़ी तादाद है. माना जाता है कि पिछले कुछ चुनावों में पार्टी को जाट समुदाय का समर्थन भी मिला है.