जेल में बंद कोरोना संक्रमित समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की तबीयत बिगड़ी, मेदांता हॉस्पिटल भेजा गया
Azam Khan, Corona positive, Medanta Hospital : लखनऊ : उत्तर प्रदेश में रामपुर से सांसद और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की रविवार को अचानक तबीयत खराब होने पर सीतापुर जेल से राजधानी स्थित मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है. मालूम हो कि आजम खान एक मई को ही कोरोना पॉजिटिव हो गये थे. जेल में बंद उनके साथ करीब 13 बंदी भी कोरोना पॉजिटव हो गये थे.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में रामपुर से सांसद और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की रविवार को अचानक तबीयत खराब होने पर सीतापुर जेल से राजधानी स्थित मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है. मालूम हो कि आजम खान एक मई को ही कोरोना पॉजिटिव हो गये थे. जेल में बंद उनके साथ करीब 13 बंदी भी कोरोना पॉजिटव हो गये थे.
जानकारी के मुताबिक, सीतापुर जिला जेल में बंद आजम खान की तबीयत खराब होने पर रविवार को जेल में बंद उनके बेटे अब्दुल्ला के साथ एंबुलेन्स से लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल के लिए रवाना किया गया. उनके साथ तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम भी एंबुलेन्स से भेजी गयी है.
मालूम हो कि आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला करीब 14 माह से सीतापुर जिला कारागार में बंद है. पिछले माह कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बुखार की शिकायत पर 28 अप्रैल को जेल प्रशासन ने आजम खान और बेटे सहित अन्य बंदियों की कोरोना जांच करायी थी. इसमें आजम खान और उनके बेटे कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे.
आजम खान पर 80 से ज्यादा मामले और उनके बेटे अब्दुल्ला पर 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. बताया जाता है कि अधिकतर मामलों में आजम खान को जमानत मिल चुकी है. हालांकि, कुछ मामले अब भी लंबित हैं. मालूम हो कि आजम खान की पत्नी ताजीन फातमा को कुछ दिन पहले ही जमानत मिल गयी थी.
गौरतलब हो कि दस्तावेजों में हेराफेरी कर फर्जी पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाने के मामले में साल 2019 में दर्ज हुए मामले में आजम खान, उनकी पत्नी ताजीन फातमा और उनके बेटे अब्दुल्ला ने पिछले साल 26 फरवरी को रामपुर की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था.
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत के समन के बावजूद हाजिर नहीं होने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया. इसके बाद तीनों आरोपितों ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. जमानत की अर्जी दाखिल किये जाने पर अदालत ने उन्हें रामपुर जेल भेज दिया था. बाद में उन्हें सीतापुर जेल भेज दिया गया था.