विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में मौजूदा गिरावट भारत की ओर से नहीं, बल्कि चीन की ओर से पैदा की गई है. विदेश मंत्री ने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है और किसी रिश्ते को चलाने के लिए दोतरफा प्रयास जरूरी होता है.
#WATCH | "The fact is that by leaving there a Pakistan Occupied Kashmir we allowed a contiguity to develop between two adversarial nations and that is today is costing us as well…," says EAM Dr S Jaishankar. pic.twitter.com/nc0ZOZNxw4
— ANI (@ANI) June 30, 2023
मंत्री ने यहां ‘नया भारत और विश्व’ विषय पर श्यामा प्रसाद व्याख्यान देने के बाद यह बात कही. पाकिस्तान और चीन के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “सच्चाई यह है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को छोड़कर हमने दो विरोधी देशों के बीच निकटता विकसित होने दी और आज हमें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ रही है….”
जब उनसे पूछा गया कि क्या दो एशियाई दिग्गजों के बीच कामकाजी संबंध हो सकते हैं, तो उन्होंने कहा, “अंततः ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है और चीन को भी व्यावहारिक रिश्ते में विश्वास होना चाहिए.” जयशंकर ने कहा कि अगर बेहतर कामकाजी संबंध बनाए रखना है तो चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 1993 और 1996 में हुए समझौतों का पालन करना होगा.
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