दुशांबे में चीनी समकक्ष से मिले जयशंकर, कहा- ‘यथास्थिति में एकतरफा बदलाव भारत को मंजूर नहीं’
Dushanbe, S Jaishankar, Chinese Foreign Minister : दुशांबे : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ताजिकिस्तान के दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन से इतर चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की. उन्होंने कहा कि सीमा की यथास्थिति में एकतरफा बदलाव क्षेत्र भारत को स्वीकार्य नहीं है.
दुशांबे : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ताजिकिस्तान के दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन से इतर चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की. उन्होंने कहा कि सीमा की यथास्थिति में एकतरफा बदलाव क्षेत्र भारत को स्वीकार्य नहीं है.
Two ministers agreed that in next meeting of senior military commanders, the two sides should discuss all the remaining issues & seek a mutually acceptable solution. There was also an understanding that neither side will take any unilateral action that could increase tension: MEA
— ANI (@ANI) July 14, 2021
मालूम हो कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले साल मई माह की शुरुआत में गतिरोध शुरू होने के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग यी के बीच दूसरी बार आमने-सामने बातचीत हुई है. दोनों नेताओं के बीच चर्चा पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ अन्य मुद्दों पर केंद्रित थी.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति की पूर्ण बहाली और रखरखाव जरूरी है. साथ ही उन्होंने कहा कि वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की जल्द बैठक बुलाने पर सहमति बनी है.
विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ वर्तमान स्थिति और समग्र भारत-चीन संबंधों से संबंधित मुद्दों पर विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान किया.
मंत्रालय के मुताबिक, विदेश मंत्री ने चीनी समकक्ष को बताया कि साल की शुरुआत में पैंगोंग झील क्षेत्र में अलगाव ने शेष मुद्दों को हल करने के लिए स्थितियां पैदा की थीं. उम्मीद थी कि चीन साथ मिल कर काम करेगा. लेकिन, अन्य क्षेत्रों में स्थिति अब भी अनसुलझी है.
दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जतायी कि वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की अगली बैठक में दोनों पक्षों को शेष सभी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए और साथ मिलकर समाधान की तलाश करनी चाहिए. साथ ही यह भी सहमति जतायी कि कोई भी पक्ष ऐसा कोई एकतरफा कदम नहीं उठायेगा, जिससे तनाव बढ़ सके.