सूडान में संघर्ष विराम पर सहमति, भारत में सियासी जंग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह सूडान में फंसे लोगों को वापस लाने की पहल नहीं कर रही है. उनके इस आरोप पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि यह गैर-जिम्मेदाराना है कि आप ऐसी स्थिति में भी राजनीति कर रहे हैं.
नई दिल्ली : सूडान में पिछले 14 अप्रैल से शुरू हुए गृह युद्ध के बीच सूडानी सेना और एक प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल मंगलवार शाम से 24 घंटे के संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गए. मगर, भारत में सूडान में फंसे कर्नाटक के 31 लोगों को सुरक्षित वापस लाने को लेकर शुरू हो गया है. विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर निशाना साधा है. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सूडान के नागरिक युद्ध में कर्नाटक के 31 लोगों के फंसे होने का दावा किया था. उनके इस दावे पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आपके ट्वीट से मैं केवल हैरान हूं. वहां लोगों का जीवन दांव पर लगा है और आप यहां राजनीति कर रहे हैं. आप राजनीति न करें. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि सूडान में 14 अप्रैल को युद्ध शुरू होने के बाद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए खार्तूम स्थित भारतीय दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं.
सिद्धरमैया ने सरकार लगाया पहल नहीं करने आरोप
बताते चलें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह सूडान में फंसे लोगों को वापस लाने की पहल नहीं कर रही है. उनके इस आरोप पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि यह गैर-जिम्मेदाराना है कि आप ऐसी स्थिति में भी राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव में अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कोई भी विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों की जान खतरे में नहीं डाल सकता. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि सूडान में 14 अप्रैल को युद्ध शुरू होने के बाद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए खार्तूम स्थित भारतीय दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा कारणों से हम भारतीय नागरिकों के ठहरने की जगह को सार्वजनिक नहीं कर सकते.
पीएम मोदी से की हस्तक्षेप करने की अपील
इससे पहले, सिद्धरमैया ने अपने कई ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार से सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि जानकारी के अनुसार कर्नाटक के हक्की-पिक्की आदिवासी ग्रुप के करीब 31 लोग सूडान में फंसे हुए हैं, जहां पर गृह युद्ध जारी है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के तत्काल हस्तक्षेप करने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की अपील करूंगा.
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सूडान में संघर्ष विराम पर सहमति
उधर, अरब मीडिया की खबरों के अनुसार, सूडानी सेना और एक प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल मंगलवार शाम से 24 घंटे के संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गए. देश पर नियंत्रण के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले चार दिन से संषर्घ चल रहा था. इस लड़ाई के कारण देश की राजधानी खार्तूम और सूडान के अन्य क्षेत्रों में अराजक स्थिति पैदा हो गई है. राजधानी और देश के अन्य प्रमुख शहरों में लाखों सूडानी अपने घरों में छिपे हुए हैं और वे नियंत्रण के लिए संघर्षरत दो बलों की लड़ाई में फंस गए हैं. दोनों पक्षों ने रिहायशी इलाकों में तोपों और हवाई हमले किए.