कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने के बाद जयवीर शेरगिल (Jaiveer Shergill) ने अब पार्टी भी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा, कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है, पार्टी से सभी संबंध तोड़ लिए हैं. उन्होंने इस्तीफे की पुष्टि न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में की.
चाटुकारिता पार्टी को दीमक की तरह खा रही : शेरगिल
जयवीर शेरगिल इस्तीफा देने के साथ ही कांग्रेस पर बड़ा हमला कर दिया. उन्होंने कहा, चाटुकारिता पार्टी को दीमक की तरह खा रही है. कांग्रेस में लिये जाने वाले फैसले जनहित और देशहित के लिये नहीं होते, बल्कि कुछ लोगों के निहित स्वार्थो की पूर्ति के लिये होते हैं.
कांग्रेस में चुनाव हारने वालों की हो रही तोजपोशी : शेरगिल
पेशे से वकील जयवीर शेरगिल ने इस्तीफा देने के बाद कहा, कांग्रेस के जो निर्णय लिए जाते हैं उसमें आपकी काबिलियत, जनता की आवाज, युवाओं की अपेक्षाओं को नजरअंदाज करके सिर्फ कुछ लोग जो चुनाव भी हार चुके हैं, केवल उनकी ताजपोशी हो रही है.
कांग्रेस पार्टी के निर्णय जनहित में नहीं कुछ लोगों के हित में : शेरगिल
जयवीर शेरगिल ने आगे कहा, आज मैंने इस्तीफा दो कारणों से दिया है. आज कांग्रेस पार्टी के निर्णय जनहित में नहीं कुछ लोगों के हित में निर्णय लिए जा रहे हैं. वास्तविकता से मुंह मोड़ा जा रहा है, जनता के मुद्दों से मुंह मोड़ा जा रहा है.
मुझे कुछ लोगों के सामने झुकने के लिए मजबूर किया जा रहा : शेरगिल
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद जयवीर शेरगिल ने कहा, पिछले 8 सालों में मैंने कांग्रेस से कुछ नहीं लिया बल्कि पार्टी को दिया है. आज जब मुझे लोगों के सामने झुकने के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि वे शीर्ष नेतृत्व के करीब हैं. यह मुझे मंजूर नहीं. उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस पार्टी का निर्णय अब जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाता. मैं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से एक साल से अधिक समय से समय मांग रहा हूं, लेकिन कार्यालय में हमारा स्वागत नहीं है.
कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले भूचाल
कांग्रेस में एक ओर नये अध्यक्ष को लेकर चुनाव की तैयारी चल रही है. तो दूसरी ओर इस्तीफे का दौर जारी है. पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया. उनके इस कदम को कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा है कि उनके स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं किया जा सकता. शर्मा से पहले जी23 समूह के एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं.