Jal Jeevan Mission केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन पर ग्राम पंचायत और पानी समितियों या ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समितियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि आजादी के बाद के सात दशकों में हर घर जल पहुंचाने के लिए जो काम हुआ था, सिर्फ पिछले दो साल में उससे भी ज्यादा काम उनकी सरकार ने करके दिखाया है. पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए नहीं हो सका, क्योंकि तत्कालीन नीति निर्माताओं को बिना पानी की जिंदगी के दर्द का एहसास नहीं था.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानी की प्रचुरता में रहने वाले देश के हर नागरिक से पानी बचाने के ज्यादा से ज्यादा प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा कि इसके लिए निश्चित तौर पर लोगों को अपनी आदतें भी बदलनी ही होंगी. उन्होंने कहा कि बहुत सी ऐसी फिल्में, कहानियां और कविताएं हैं जिनमें विस्तार से यह बताया गया है कि कैसे गांव की महिलाएं और बच्चे पानी लाने के लिए मीलों दूर चलकर जा रहे हैं और इन्हें देखकर कुछ लोगों के मन में गांव का नाम लेते ही यही तस्वीर उभरती है.
पीएम ने कहा, लेकिन बहुत कम ही लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों को हर रोज किसी नदी या तालाब तक क्यों जाना पड़ता है. आखिर क्यों नहीं पानी इन लोगों तक पहुंचता. मैं समझता हूं, जिन लोगों पर लंबे समय तक नीति-निर्धारण की जिम्मेदारी थी, उन्हें ये सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए था. लेकिन, यह सवाल पूछा नहीं गया.
प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उस समय के नीति-निर्माताओं ने पानी की किल्लत नहीं देखी थी और बिना पानी की जिंदगी का दर्द क्या होता है, उन्हें पता ही नहीं था. क्योंकि, उनके घरों में, स्विमिंग पूल में पानी ही पानी होता था. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने कभी गरीबी देखी ही नहीं थी. इसलिए गरीबी उनके लिए एक आकर्षण रही. साहित्य और बौद्धिक ज्ञान दिखाने का जरिया बन गया. इन लोगों में एक आदर्श गांव के प्रति मोह होना चाहिए था, लेकिन यह लोग गांव के अभावों को ही पसंद करते थे.
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी से लेकर वर्ष 2019 तक देश में सिर्फ तीन करोड़ घरों तक ही नल से जल पहुंचता था और 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद से 5 करोड़ घरों को पानी के संपर्क से जोड़ा गया है. आज देश के लगभग 80 जिलों के करीब सवा लाख गांवों के हर घर में नल से जल पहुंच रहा है. यानी पिछले सात दशकों में जो काम हुआ था, आज के भारत ने सिर्फ दो साल में उससे ज्यादा काम करके दिखाया है. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं नहीं, जब किसी बहन बेटी को पानी भरने के लिए रोज रोज दूर-दूर तक पैदल नहीं जाना होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के विकास में पानी की कमी बाधा ना बने, इसके लिए काम करते रहना सभी का दायित्व है और यह सभी के प्रयास से ही संभव है. उन्होंने कहा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के प्रति भी जवाबदेह हैं. पानी की कमी से हमारे बच्चे अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में ना लगा पाएं और उनका जीवन पानी की किल्लत से ही निपटने में बीत जाए, यह हम नहीं होने दे सकते. इसके लिए युद्धस्तर पर काम करते रहना होगा. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि देश के किसी हिस्से में टैंकरों व ट्रेनों से पहुंचाने की नौबत ना आए.
पीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन की दृष्टि सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है, बल्कि यह विकेंद्रीकरण का भी बहुत बड़ा आंदोलन है. उन्होंने कहा कि यह गांवों और महिलाओं द्वारा चलाए जाने वाला आंदोलन है. इसका मुख्य आधार, जनआंदोलन और जनभागीदारी है. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर जल जीवन मिशन एप और राष्ट्रीय जल जीवन कोष की भी शुरुआत की.
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