जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी का दावा- इस्लाम सबसे पुराना धर्म, भारत में ये बाहर से नहीं आया
Jamiat Ulema E Hind के चीफ मौलाना महमूद मदनी का कहना है कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो बाहर से आया है, यह सरासर गलत और निराधार है.
Jamiat Ulema E Hind: प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना महमूद मदनी का कहना है कि भारत मुसलमानों के लिए सबसे अच्छा देश है. यह भूमि मुसलमानों की पहली मातृभूमि है. मौलाना महमूद मदनी का कहना है कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो बाहर से आया है, यह सरासर गलत और निराधार है.
भारत जितना मोदी-भागवत का, उतना ही महमूद का भी: महमूद मदनी
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना महमूद मदनी ने दावा किया कि इस्लाम सभी धर्मों में सबसे पुराना धर्म है. उन्होंने कहा कि भारत हमारा देश है. यह देश जितना नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत का है, उतना ही यह देश महमूद का भी है. मदनी ने कहा, न तो महमूद उनसे एक इंच आगे हैं और न ही वे महमूद से एक इंच आगे हैं.
#WATCH | This land is the first homeland of Muslims. Saying that Islam is a religion that came from outside is totally wrong & baseless. Islam is the oldest religion among all religions. India is the best country for Hindi Muslims: Jamiat Ulema-e-Hind Chief Mahmood Madani (10.02) pic.twitter.com/hQ5YQhEeqh
— ANI (@ANI) February 11, 2023
हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ कानून बनाए सरकार
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इस्लामोफोबिया में कथित वृद्धि पर शुक्रवार को चिंता जाहिर करते हुए मांग की कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वालों को विशेष रूप से दंडित करने के लिए एक अलग कानून बनाया जाए. जमीयत ने आरोप लगाया कि देश में इस्लामोफोबिया और मुसलमानों के विरुद्ध नफरत एवं उकसावे की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. सबसे दुखद बात यह है कि यह सब सरकार की आंखों के सामने हो रहा है, लेकिन वह खामोश है.
रामलीला मैदान में शुरू हुआ जमीयत का महाधिवेशन
जमीयत का महाधिवेशन उसके अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में रामलीला मैदान में शुरू हुआ. इस दौरान संगठन ने देश में नफरती अभियान और इस्लामोफोबिया में कथित बढ़ोतरी समेत कई प्रस्तावों को पारित किया. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा कि वह इन परिस्थितियों में देश की संप्रभुता और ख्याति को लेकर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहती है. जमीयत द्वारा प्रस्तावित कदमों में नफरत फैलाने वाले तत्वों और मीडिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शामिल है. संगठन ने मांग करते हुए कहा है कि हिंसा के लिए उकसाने वालों को विशेष रूप से दंडित करने के वास्ते एक अलग कानून बनाया जाए. महाधिवेशन का पूर्ण सत्र रविवार को आयोजित होगा.