‘अल्लाह और ओम एक’, अरशद मदनी के इस बयान पर बवाल, जैन और दूसरे धर्मगुरुओं ने छोड़ा मंच
Jamiat Ulema e Hind के 34वें अधिवेशन में रविवार को बोलते हुए मौलाना अरशद मदनी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना करते हुए विवादित बयान दिया है.
Jamiat Ulema e Hind: दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में रविवार को बोलते हुए मौलाना अरशद मदनी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना करते हुए विवादित बयान दिया है. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अल्लाह और ओम एक हैं. जिसको लेकर मंच पर बवाल हो गया.
मदनी के बयान पर बवाल
मौलाना अरशद मदनी उक्त बयान पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने आपत्ति जताई. इसके बाद जैन और कई दूसरे धर्मगुरुओं ने मंच छोड़ दिया. मदनी ने कहा, हम सबसे पहले इसी देश में पैदा हुए और इसलिए घर वापसी तथा सारे मुसलमान भी हिंदू हैं, यह बयान जाहिल जैसा है. मदनी के बयान पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने मंच पर खड़े होकर विरोध जताते हुए कहा कि जोड़ने वाले कार्यक्रम में आपत्तिजनक बातें क्यों.
#WATCH मैंने धर्म गुरु से पूछा जब कोई नहीं था,न श्री राम,न ब्रह्म,तब मनु किसे पूजते थे?कुछ लोग बताते हैं कि वे ओम को पूजते थे तब मैंने कहा कि इन्हें ही तो हम अल्लाह,आप ईश्वर,फारसी बोलने वाले खुदा और अंग्रेजी बोलने वाले गॉड कहते हैं: जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी pic.twitter.com/TxiKNjVhMk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2023
धर्म के आधार पर नहीं होना चाहिए भेदभाव
इससे पहले, महमूद मदनी ने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस से कोई दुश्मनी नहीं है. लेकिन, धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. हमारे वैचारिक मतभेद हैं. आरएसएस के संस्थापक की किताब बंच ऑफ थॉट्स को लेकर कई समस्याएं हैं. हालांकि, वर्तमान संघ प्रमुख के हालिया बयानों को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. मदनी ने कहा कि हम मतभेदों को खत्म करने के लिए आरएसएस प्रमुख और उनके नेताओं का स्वागत करते हैं. अधिवेशन में महमूद मदनी ने कहा था कि मुसलमानों को पैगंबर का अपमान मंजूर नहीं है. शिक्षा का भगवाकरण हो रहा है. किसी भी धर्म की पुस्तकें दूसरों पर थोपी नहीं जानी चाहिए. यह मुसलमानों के लिए अस्वीकार्य है.
जमीयत की मंच से स्वामी चिन्मयानंद ने कही ये बात
वहीं, जमीयत की मंच से स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि नफरत से किसी का भला नहीं हुआ, लेकिन प्रेम से पूरी जिंदगी गुजारी जा सकती है. मजहब के नाम पर बंटवारा हुआ तो एक देश दो हो गए. जबकि, जमीयत ने आरोप लगाते हुए कहा कि अदालतें सरकारों के दबाव में काम कर रही हैं. जमीयत के अधिवेशन में हिंदुस्तान के कोने-कोने से आए मौलवियों ने सांप्रदायिकता के खिलाफ उठाई.