‘देश संविधान से चलता है, शरियत से नहीं’ जमीयत चीफ के बयान से भड़के बीजेपी नेता, जानिए क्या है पूरा मामला

देश भर में जिस तरह के हालात हैं, धार्मिक टकराव हो रहा है वैसे में इससे बचने के लिए लड़कियों को को-एजुकेशन से दूर कर देना चाहिए. गैर-मुसलमानों को भी अपनी बेटियों को दुर्व्यवहार से दूर रखने के लिए को- एजुकेशन से दूर रखना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2021 2:41 PM
an image

मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के एक बयान ने काफी तूल पकड़ लिया है. दरअसल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख अरशद मदनी ने कहा है कि, लड़कियों के लिए अलग स्कूल और कॉलेज खोले जाने चाहिए. यही नहीं, उन्होंने कहा है कि, गैर-मुसलमानों को भी अपनी बेटियों को दुर्व्यवहार से दूर रखने के लिए को एजुकेशन से दूर रखना चाहिए. उनकी कहना है कि इस तरह मानसिकता का किसी हथियार या टेक्नोलॉजी से मुकाबला नहीं किया जा सकता है.

लड़कियों को को-एजुकेशन से दूर कर देना चाहिए: उन्होंने कहा है कि, देश भर में जिस तरह के हालात हैं, धार्मिक टकराव हो रहा है वैसे में इससे बचने के लिए लड़कियों को को-एजुकेशन से दूर कर देना चाहिए. वहीं, उनका ये भी कहना है कि, आजादी के बाद से तय नीति से मुसलमानों को शिक्षा के क्षेत्र से दूर कर दिया गया है.

मुसलमानों को किसी भी कीमत पर उच्च शिक्षा दिलानी होगी: उन्होंने जोर देकर कहा कि, मुसलमानों को किसी भी कीमत पर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलानी होगी. उन्होंने कहा कि, मुसलमानों को शिक्षा से दिलचस्पी है, तभी तो उन्होंने मदरसे स्थापित किये हैं. वहीं, उन्होंने धनी लोगों से अपने-अपने क्षेत्र में लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल और कॉलेज खोलने की अपील भी की है.

Also Read: हफ्ते में तीन घंटे ही बच्चे खेल सकेंगे ऑनलाइन गेम, जानिए टेक कंपनियों पर चीन क्यों कस रहा है नकेल

कई मंत्रियों ने जताया विरोध: वहीं, अरशद मदनी के बयान का कई लोगों ने निंदा की है. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अरशद मदनी के बयान को लड़कियों के विरोधी सोच वाला बताया है. नकवी का कहना है कि देश संविधान से चलता है, शरियत से नहीं.इधर यूपी के मंत्री मोहसिन रजा ने भी इस बयान की घोर निंदा की है. उन्होंने कहा की, ये वही लोग हैं जो महिलाओं को 3 तलाक की बेड़ी में रखना चाहते हैं. ऐसे लोगों को पिछली सरकार में तवज्जो दिया जाता था. लेकिन हम ऐसी मानसिकता का पूरजोर विरोध करते हैं.

Also Read: तालिबान को मिले खतरनाक हथियार, चीन और पाकिस्तान की शाबाशी के बीच भारत को कितनी चिंता?

Posted by: Pritish Sahay

Exit mobile version