जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 36 पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृति का आदेश दे दिया है. सभी पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए समयपूर्व वीआरएस दे दिया.
समीक्षा समिति ने पुलिसकर्मियों की रिकॉर्ड की जांच की
सभी 36 पुलिसकर्मी जिन्हें जबरन रिटायर किया गया, उनके रिकॉर्ड और मामलों की जांच के बाद सरकार ने समयपूर्व सेवानिवृत्ति का आदेश दिया. समीक्षा समिति ने सभी पुलिसकर्मियों के खराब प्रदर्शन, आपराधिक और भ्रष्टाचार के मामलों के उदाहरण पाए थे.
J&K Govt took action against employees found guilty of misconduct and inefficiency. The Govt today, after scrutinizing records & cases of employees with inefficient working & service misconduct, ordered premature retirement of 36 police personnel: Government Officials
— ANI (@ANI) October 13, 2022
सेवा में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर गिर चुकी है गाज
कर्मचारियों को समयपूर्व रिटायरमेंट देने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भ्रष्ट कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई कर चुकी है. कुछ दिनों पहले मोदी सरकार ने रेलवे के 19 कर्मचारियों को जबरन वीआरएस दिया था. एक रिपोर्ट के अनुसार 75 से अधिक कर्मचारियों को समयपूर्व सेवानिवृत्त किया गया.
सुस्त और भ्रष्ट कर्मचारियों पर सरकार की नजर
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार वैसे कर्मचारियों पर सख्त नजर बनाये हुए है, जिनपर अपने काम को पूरी निष्ठा से न करने का और लापरवाही बरतने का आरोप है. केंद्र सरकार के एक्शन से साफ है कि काम के दौरान किसी तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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