बर्फ की सफेद चादर से ढकीं जम्मू-कश्मीर और हिमाचल की पहाड़ियां, कई रास्ते बंद, घरों में दुबके लोग

शिमला/जम्मू : हिमाचल की वादियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गयी हैं. रोहतांग दर्रा समेत लाहौल घाटी बर्फ से लकदक है. जबरदस्त बर्फबारी से घाटी में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. रात के तापमान में भी भारी गिरावट आयी है. रोहतांग में डेढ़ फीट तक बर्फबारी दर्ज की गयी. जम्मू-कश्मीर में भी कई इलाकों में बर्फ के कारण रास्ते बंद हो गये हैं.

By संवाद न्यूज | December 10, 2020 8:15 PM
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शिमला/जम्मू : हिमाचल की वादियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गयी हैं. रोहतांग दर्रा समेत लाहौल घाटी बर्फ से लकदक है. जबरदस्त बर्फबारी से घाटी में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. रात के तापमान में भी भारी गिरावट आयी है. रोहतांग में डेढ़ फीट तक बर्फबारी दर्ज की गयी. जम्मू-कश्मीर में भी कई इलाकों में बर्फ के कारण रास्ते बंद हो गये हैं.

हिमाचल में रोहतांग के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक अटल टनल को देखने के लिए आ रहे हैं. बर्फबारी के कारण अटल टनल का नार्थ पोर्टल पिछले तीन दिनों से बंद है. हालात ऐसे हैं कि जल्द अटल टनल के खुलने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं. रोहतांग में रात को डेढ़ फीट तक व अटल टनल रोहतांग के नार्थ पोर्टल में 15 सेंटीमीटर बर्फ दर्ज की गयी है. इससे अटल टनल देखने जानेवाले सैलानियों को मायूसी हाथ लगी.

वहीं, लाहौल-स्पीति में हो रही बर्फबारी के कारण लोग घरों में दुबके हुए हैं. घरों के ऊपर बर्फ की मोटी चादर बिछ गयी है. लोग ठंड से बचने के लिए अंगीठी और हीटर का सहारा ले रहे हैं. रोहतांग दर्रा के साथ अटल टनल रोहतांग के दोनों छोर में बर्फबारी होने से लाहौल घाटी का संपर्क कट गया है. अटल टनल रोहतांग से वाहनों की आवाजाही बंद हो गयी है. बर्फबारी के कारण घाटी में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के पास नहीं जाने की चेतावनी जारी की गयी है. मध्यम और ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात और मैदानी क्षेत्रों में बारिश के साथ तूफान आने की आशंका भी जतायी गयी है. बता दें कि मौसम विज्ञान केंद्र पहले ही 11 और 12 दिसंबर को मौसम खराब रहने की आशंका जता चुका है.

जम्मू-कश्मीर में भी बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है. यहां भी तापमान लगातार गिरता जा रहा है. बर्फ जमने के कारण कई रास्ते बंद हो गये हैं. इस कारण लोगों को रोजमर्रा की चीजें तक नहीं मिल पा रही हैं. यहां रामबन के दुर्गम इलाकों में लोगों के लिए भारतीय सेना देवदूत बनकर पहुंची और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहनेवाले 350 परिवारों को राशन और मेडिकल किट का वितरण किया.

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