Jammu And Kashmir: तिहाड़ जेल से बाहर आते ही गरजे बारामुल्ला सांसद राशिद इंजीनियर, कहा- मोदी का नया कश्मीर नाकाम
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के बारामुल्ला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद टेरर फंडिंग मामले में अंतरिम जमानत मिलने के एक दिन बाद बुधवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए.
Jammu and Kashmir: तिहाड़ जेल से बाहर आते ही राशिद इंजीनियर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने पीएम मोदी के नये कश्मीर को नाकाम बताया. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा, साढे पांच साल जेल में रहने के बाद, मैं खुद को मजबूत महसूस कर रहा हूं और मुझे अपने लोगों पर गर्व है. मैं शपथ लेता हूं कि मैं अपने लोगों को निराश नहीं करूंगा, मैं शपथ लेता हूं कि मैं मोदी के ‘नया कश्मीर’ के आख्यान से लड़ूंगा, जो जम्मू-कश्मीर में बुरी तरह विफल रहा है. 5 अगस्त, 2019 को उन्होंने जो कुछ भी किया, लोगों ने उसे नकार दिया है. रशीद ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि वह अपने लोगों के लिए लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि वह कश्मीर के लोगों को एकजुट करने आ रहे हैं, न कि उन्हें बांटने के लिए. राशिद को 2 अक्टूबर, 2024 तक अंतरिम जमानत दी गई है.
2019 से तिहाड़ जेल में बंद थे राशिद इंजीनियर
2017 के आतंकवाद का वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से रशीद 2019 से जेल में थे। वह तिहाड़ जेल में बंद थे. शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार करेंगे राशिद इंजीनियर
अंतरिम जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आये सांसद राशिद इंजीनियर जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार भी करेंगे. उनकी पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) विधानसभा चुनाव लड़ रही है. जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच तीन चरणों में चुनाव होंगे. नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर जेल से बाहर आये राशिद इंजीनियर
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मंगलवार को उन्हें दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की जमानत पर राहत दी. उन्होंने सांसद पर कुछ शर्तें भी लगाईं, जिनमें मामले के बारे में मीडिया से बात नहीं करना शामिल है.
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