Jammu-Kashmir Voter List: जम्मू-कश्मीर में रह रहे गैर स्थानीय लोग भी अब वोट देने के अधिकार के तहत आ सकते हैं. जी हां…जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) हिरदेश कुमार की ओर से यह घोषणा की गई है. इसके बाद से लगातार प्रतिक्रिया आ रही है. मामले को लेकर एक स्थानीय निवासी मीणा गिल का बयान आया है उन्होंने कहा कि हमने कभी भी अपने मताधिकार का प्रयोग आज तक नहीं किया है. यानी हमने वोट नहीं किया है. हमारे पास डोमेसाइल नहीं है. इसलिए वोट देने का अधिकार नहीं मिला है. हमारी ये चौथी पीढ़ी है लेकिन हम अभी इस अधिकार से वंचित हैं.
आगे मीणा गिल ने कहा कि हमें अभी भी आउटसाइडर बताया जाता है. हमारे पूर्वज भले ही 1950 में पंजाब वापस चले गये लेकिन हम अभी भी यहां रहते हैं. यहां चर्चा कर दें कि मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा है कि अब बाहर से आये लोग भी मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कर सकेंगे. आयोग की ओर से कश्मीर से बाहर के लोगों को भी मतदान का अधिकार दिया है. इन मतदाताओं में कर्मचारी, छात्र, मजदूर या देश के दूसरे राज्यों के वे व्यक्ति के नाम शामिल किये जाएंगे जो आमतौर पर जम्मू-कश्मीर में वर्तमान समय में रह रहे हैं.
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कश्मीर में राजनीतिक नेताओं ने उन खबरों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि जम्मू कश्मीर में काम के उद्देश्य से रहने वाले लोग भी केंद्र शासित प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव में वोट डाल सकते हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जम्मू कश्मीर के वास्तविक मतदाताओं के समर्थन को लेकर इतनी असुरक्षित है कि उसे सीटें जीतने के लिए अस्थायी मतदाताओं को आयात करने की जरूरत है? जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका दिया जाएगा तो इनमें से कोई भी चीज भाजपा की सहायता नहीं करेगी.
Jammu, J&K | We never cast votes in elections. We did not have domicile certificate & thus no right to vote. I am 4th generation of Valmikis here but are still considered outsiders. Our forefathers must have been from Punjab back in 1950, but we are from here: Meena Gill, a local pic.twitter.com/Vbi6nvN69t
— ANI (@ANI) August 18, 2022
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस प्रक्रिया का असली उद्देश्य स्थानीय आबादी को शक्तिहीन करना है. मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने संबंधी भारत सरकार का निर्णय, पहले भाजपा के पक्ष में पलड़ा झुकाने और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देने से चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए है. असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर शासन जारी रखना है. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने इस कदम को ‘‘खतरनाक” करार देते हुए कहा कि यह ‘‘विनाशकारी” होगा.
भाषा इनपुट के साथ