Jammu Kashmir News जम्मू-कश्मीर के प्रमुख नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद अब केंद्र सरकार की ओर से लद्दाख के सभी सियासी दलों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों से साथ बातचीत के लिए बुलावा भेजा गया है. इस बैठक में बातचीत के लिए घाटी के पूर्व सांसदों और सिविल सोसायटी के सदस्यों को भी न्योता भेजा गया है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी की अगुवाई में 1 जुलाई को नई दिल्ली इस अहम बैठक के होने की संभावना जतायी जा रही है. हालांकि, अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इस बैठक में पीएम मोदी मौजूद रहेंगे या नहीं.
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि लद्दाख के संगठनों की बैठक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी के साथ हो सकती है. कारगिल डेमोक्रेटिक अलायन्स ने कहा कि ये बैठक 1 जुलाई को दिल्ली में होनी है. जानकारी के मुताबिक, केन्द्रीय ग्रृह सचिव की तरफ से लेह और कारगिल के सभी संगठनों को बातचीत के लिए फोन से बातचीत के लिए निमंत्रित किया गया है. बातचीत 1 जुलाई को सुबह ग्यारह बजे होने की बात सामने आ रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कारगिल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केडीए के सह-अध्यक्ष असगर अली करबलाई ने कहा कि वह केंद्र से किसी भी शर्त के साथ बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन कारगिल के सभी संगठन इस बात पर एक मत है कि छठे शेड्यूल या कोई और कानून उनको मंज़ूर नहीं है. वह लद्दाख को पूर्ण राज्य के रूप में देखना चाहते हैं. अगर 1975 में ढाई लाख जनसंख्या पर सिक्किम को राज्य का दर्जा मिल सकता है, तो तीन लाख की आबादी वाले लद्दाख को क्यों नहीं मिल सकता. हालांकि, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायन्स के एक और सदस्य शाहनवाज वार के अनुसार बैठक में उनकी तरफ से सिर्फ धारा 370 और 35ए पर बात होगी.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बीते गुरुवार को 370 हटाए जाने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर के सभी दलों के साथ बैठक हुई. प्रधानमंत्री आवास पर जम्मू-कश्मीर के कुल 18 प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए. पहली बैठक इतने दिनों बाद थी, लेकिन काफी सार्थक माहौल में चर्चा हुई. प्रधानमंत्री मोदी से इन नेताओं ने उन्हें राज्यपाल बनाकर पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग तक कर डाली.
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