Jammu and Kashmir: पुलवामा के परिगाम में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया, मुठभेड़ जारी
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में इस महीने की शुरुआत में घात लगाकर किए गए हमले में शामिल आतंकवादियों की तलाश जारी है. इस हमले में तीन सैनिक शहीद हो गये थे.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ में जवानों ने एक आतंकी को मार गिराया है. यह जानकारी टीवी न्यूज चैनल के हवाले से मिल रही है.
कुलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों की तलाश जारी
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में इस महीने की शुरुआत में घात लगाकर किए गए हमले में शामिल आतंकवादियों की तलाश जारी है. इस हमले में तीन सैनिक शहीद हो गये थे.
राजौरी और पुंछ में हुए हमलों में भी यही समूह था शामिल
सुरक्षा अधिकारियों ने संकेत दिया कि इस साल राजौरी और पुंछ में हुए हमलों में भी यही समूह शामिल था. सुरक्षा बल के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में तलाशी अभियान जारी है और हमले में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ‘क्वाडकॉप्टर’ का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है. ‘क्वाडकॉप्टर’ एक खास तरह का ड्रोन होता है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमारा आकलन है कि समूह अभी भी दक्षिण कश्मीर में है और पीर पंजाल पर्वत शृंखला के दूसरी ओर नहीं गया है. हमें उम्मीद है कि उनके पार जाने से पहले हमारा उनसे सामना होगा. वन क्षेत्र के जरिये आतंकवादियों की संभावित आवाजाही के बारे में संकेत मिलने के बाद सैनिकों ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था.
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#WATCH | Jammu and Kashmir: Encounter underway in the Larrow- Parigam area of Pulwama.
(Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/U84LnexY0P
— ANI (@ANI) August 21, 2023
अप्रैल में पुंछ में कुल पांच सैनिक शहीद हुए थे
अप्रैल में पुंछ में कुल पांच सैनिक शहीद हुए थे और मई में राजौरी के भट्टादुरियन में हुए हमले में पांच अन्य शहीद हो गये थे. अधिकारी ने कहा, इस साल की शुरुआत में राजौरी-पुंछ में हुए हमलों और हाल में कुलगाम में हुए हमलों में काफी समानता है. हमारा मानना है कि पीर पंजाल पर्वत शृंखला के दोनों ओर छह से आठ आतंकवादियों का समूह सक्रिय है. उन्होंने कहा कि इस समूह में ज्यादातर उच्च प्रशिक्षित विदेशी आतंकवादी शामिल हैं, जिनका समर्थन दो से तीन स्थानीय चरमपंथी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समूह में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शामिल हो सकते हैं और यह अब तक फोन जैसे संचार उपकरणों का इस्तेमाल नहीं कर रडार से बचने में कामयाब रहा है.