जम्मू कश्मीर के बुढ़ाल गांव में 16 रहस्यमय मौतें, खौफनाक सच की तलाश में केंद्रीय जांच टीम

Jammu Kashmir: अधिकारियों ने इन मौतों के पीछे किसी संक्रामक बीमारी के होने की संभावना से इनकार किया है.

By Aman Kumar Pandey | January 19, 2025 7:52 AM
an image

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बुढ़ाल गांव में पिछले महीने के दौरान 16 लोगों की रहस्यमय मौतों की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक विशेष टीम का गठन किया है. इस टीम का उद्देश्य इन मौतों के कारणों की गहराई से जांच करना है. गांव में पिछले 45 दिनों में 16 लोग एक अज्ञात बीमारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने से पहले बुखार, दर्द, उल्टी और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई दिए थे. अस्पताल में भर्ती होने के कुछ ही दिनों बाद उनकी मौत हो गई. इस बीच, एक लड़की की स्थिति गंभीर बनी हुई है.

अधिकारियों ने इन मौतों के पीछे किसी संक्रामक बीमारी के होने की संभावना से इनकार किया है. हालांकि, एक डॉक्टर ने बताया कि मरीजों के एमआरआई स्कैन में मस्तिष्क में सूजन (ऑडिमा) पाई गई है, जो मस्तिष्क में तरल पदार्थ जमा होने की स्थिति है और इसे न्यूरोटॉक्सिन के प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: लॉस एंजिल्स में आग की कहर से 2028 ओलंपिक पर संकट, आयोजन को लेकर विवाद तेज

यह टीम रविवार को बुढ़ाल गांव का दौरा करेगी और पिछले छह हफ्तों में हुई तीन घटनाओं की जांच करेगी. इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय के विशेषज्ञों के साथ-साथ पशुपालन, खाद्य सुरक्षा और फोरेंसिक विज्ञान के विशेषज्ञ शामिल होंगे. टीम स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर तत्काल राहत प्रदान करेगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपाय करेगी.

देश के प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञ इस घटना के कारणों को समझने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लगाए गए हैं. टीम का उद्देश्य प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा और राहत उपायों को सुनिश्चित करना है.

इससे पहले, पुलिस की एक विशेष जांच टीम ने मृतकों के शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद 60 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. रिपोर्ट में न्यूरोटॉक्सिन की उपस्थिति का पता चला था. शुक्रवार को, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक उच्च स्तरीय बैठक में इस स्थिति पर चर्चा की और संबंधित विभागों को जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया.

राजौरी जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में भय का माहौल है और लोग इस रहस्य के हल होने का इंतजार कर रहे हैं. नेशनल कांफ्रेंस के नेता जाविद इकबाल चौधरी ने इस स्थिति को बड़ी चुनौती बताते हुए जनता से जांच में सहयोग की अपील की. सरकारी प्रवक्ता ने यह स्पष्ट किया कि यह घटनाएं किसी संक्रामक बीमारी के कारण नहीं हुई हैं. विषाक्तता विश्लेषण में कई जैविक नमूनों में विषाक्त पदार्थों का पता चला है.

इसे भी पढ़ें: अहमदिया मुस्लिम समुदाय की 70 साल पुरानी मस्जिद गिराई गई, जानिए क्यों

Exit mobile version