Loading election data...

शोपियां एनकाउंटर: अधिकारी और जवानों पर केस चलाएगी सेना, तीन लोगों की गई थी जान

जम्मू कश्मीर के शोपियां में जुलाई महीने में हुए तीन लोगों के एनकाउंटर का मामला फर्जी पाया गया है. एनकाउंटर के बाद मामले की इंक्वायरी की गई थी. जिसके बाद सच पता चला है कि सेना के जवानों ने ऑपरेशन के दौरान अफ्सा (AFSPA 1990) के तहत मिली शक्तियों की दुरुपयोग किया है. शुरुआत में मामले की जांच के दौरान कहा गया था कि शोपियां के अम्शीपोरा में तीन अज्ञात आतंकी मारे गए हैं. तीनों की शिनाख्त राजौरी के इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार के रूप में की गई थी. श्रीनगर के डिफेंस पीआरओ के मुताबिक तीनों की डीएनए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2020 5:55 PM

जम्मू कश्मीर के शोपियां में जुलाई महीने में हुए तीन लोगों के एनकाउंटर का मामला फर्जी पाया गया है. एनकाउंटर के बाद मामले की इंक्वायरी की गई थी. जिसके बाद सच पता चला है कि सेना के जवानों ने ऑपरेशन के दौरान अफ्सा (AFSPA 1990) के तहत मिली शक्तियों का दुरुपयोग किया है. शुरुआत में मामले की जांच के दौरान कहा गया था कि शोपियां के आमसिफोरा में तीन अज्ञात आतंकी मारे गए हैं. तीनों की शिनाख्त राजौरी के इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार के रूप में की गई थी. श्रीनगर के डिफेंस पीआरओ के मुताबिक तीनों की डीएनए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.


दोषी अधिकारी और जवानों पर कार्रवाई

जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा था कि सेना की शुरुआती जांच प्रक्रिया पूरी होने को है. जांच में जो भी नतीजे सामने आएंगे उसके आधार पर कदम उठाया जाएगा. डीजीपी ने बताया कि उन्हें लगता है कि कुछ दिनों की बात है. डीएनए नमूनों के रिजल्ट सामने आ जाएंगे. 14 अगस्त को जम्मू के राजौरी जिले में तीन युवकों के परिवारों के डीएनए नमूने लिए गए थे.जबकि, दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की बातें भी सामने आई है. शोपियां एनकाउंटर में दोषी अधिकारी और जवानों पर कार्रवाई की जाएगी.

18 जुलाई को हुई थी शोपियां की घटना 

सेना ने 18 जुलाई को दावा किया था कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां में तीन आतंकियों को मार गिराया गया है. बड़ी बात यह है कि मामले के बारे में विस्तार से कुछ भी नहीं बताया गया था. इसके बाद मारे गए लोगों के परिवारों ने शिकायत की थी. तीनों परिवारों ने युवकों के शोपियां के आमसिफोरा इलाके से 17 जुलाई को लापता होने की शिकायत भी दी थी. इसके बाद जाकर मामले की जांच शुरू हुई. अब, शोपियां एनकाउंटर के फर्जी होने का सच सामने आया है. मारे गए तीनों लोग रिश्तेदार थे. तीनों मजदूरी का काम करते थे. वहीं, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करके घटना की निंदा की है. साथ ही सेना से घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है.

Next Article

Exit mobile version