कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के हमले में दो दिन पहले मारे गए कांग्रेसी सरपंच अजय पंडित का मामला लगातार सुर्खियों में है. 40 वर्षीय हिंदू सरपंच की हत्या के बाद पूरे प्रदेश में आक्रोश है. उनकी बेटी नियंता पंडित ने गुरुवार को कहा कि मेरे पापा को गोली मारने वाले लोग कायर हैं क्योंकि उन लोगों ने पीछे से हमला किया. उन्हें पता था कि अजय को ऐसे नहीं मारा जा सकता इसलिए छुप कर पीछे से हमला किया.
नियंता से बातचीत का वीडियो एएनआई ने शेयर किया है. बता दें कि आतंकियों ने आठ जून की शाम छह बजे अनंतनाग जिले के लारकीपुरा इलाके के सरपंच और कांग्रेस नेता 40 वर्षीय अजय पंडित पर गोलीबारी की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों उन्हें मृत घोषित कर दिया. कश्मीर में आतंक का खूंखार चेहरा बन रहे आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
#WATCH: "They shot my father at the back… they are cowards," says Niyanta Pandita, daughter of Ajay Pandita, the Congress Sarpanch who was shot dead by terrorists in Anantnag on June 8. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/eDBsMFz0u1
— ANI (@ANI) June 11, 2020
सरपंच की हत्या के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस हमले की निंदा की है और कहा है कि हिंसा की कभी जीत नहीं होगी. वहीं उनकी हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों में एक बार फिर नाराजगी है. उनका कहना है कि ये कश्मीर घाटी में विस्थापितों की वापसी की प्रक्रिया को रोकने और घाटी में बचे-खुचे अल्पसंख्यकों को खदेड़ने की साजिश का हिस्सा है.
https://twitter.com/ashokepandit/status/1270026511962308609
कांग्रेसी सरपंच अजय की हत्या के विरोध और कश्मीर में चुने गए पंचों और सरपंचों की सुरक्षा की मांग को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को जम्मू में प्रदर्शन भी किया. प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने सरकार से इस हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अजय पंडित की हत्या के बाद प्रशासन की बेरुखी का आलम यह है कि कोई भी अधिकारी उनके घर उनका दुख बांटने नहीं पहुंचा. उन्होंने इस हत्या पर गहरा दुःख जताते हुए प्रदेश प्रशासन को इसका जिम्मेदार ठहराया.
कांग्रेस सरपंच की अजय की हत्या के बाद से उनके गांव अनंतनाग के लकबावन गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. अजय की हिम्मत की कहानी लकबावन गांव के हर बच्चे की जुबान पर है. आतंकियों की धमकी के बाद भी बावजूद अजय ने सड़क पर उतरकर लोगों से वोट मांगने की मुहिम शुरू की थी. हिम्मत का असर इतना हुआ कि लकबावन के लोगों ने अजय को अपना प्रतिनिधि बना डाला. अजय ने इस सीट से भाजपा उम्मीदवार को हराया था. अनंतनाग में उनकी पहचान अजय भारती के तौर पर थी.
Posted By: Utpal kant