जम्मू कश्मीर: उच्चायोग के पाकिस्तानी आकाओं को गुप्त सूचनाएं देता था डीएसपी दविंदर सिंह, NIA ने चार्जशीट में कही ये बातें
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) पुलिस के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह (DSP Davinder Singh) को उसके पाकिस्तानी आका ने जासूसी गतिविधियों के लिए विदेश मंत्रालय में ‘संपर्क' स्थापित करने का काम सौंपा था. आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन को मदद मुहैया कराने पर एनआईए ने सिंह के खिलाफ आरोपपत्र (NIA Charge Sheet) दाखिल किया है. जम्मू में विशेष अदालत के समक्ष दाखिल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के आरोपपत्र के मुताबिक सिंह पाकिस्तान उच्चायोग में अपने आका के संपर्क में था, जिसे बाद में इस्लामाबाद भेज दिया गया.
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) पुलिस के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह (DSP Davinder Singh) को उसके पाकिस्तानी आका ने जासूसी गतिविधियों के लिए विदेश मंत्रालय में ‘संपर्क’ स्थापित करने का काम सौंपा था. आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन को मदद मुहैया कराने पर एनआईए ने सिंह के खिलाफ आरोपपत्र (NIA Charge Sheet) दाखिल किया है. जम्मू में विशेष अदालत के समक्ष दाखिल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के आरोपपत्र के मुताबिक सिंह पाकिस्तान उच्चायोग में अपने आका के संपर्क में था, जिसे बाद में इस्लामाबाद भेज दिया गया.
सिंह जम्मू कश्मीर पुलिस की ‘एंटी हाइजैकिंग यूनिट’ में तैनात था. सिंह के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 3064 पन्ने का आरोपपत्र दाखिल किया गया है. इसमें आतंकवादी संगठन के आतंकवादियों को पनाह देने में पुलिस अधिकारी की संलिप्तता का ब्योरा रखा गया है.
आरोपपत्र में कहा गया है कि उसने पाकिस्तान उच्चायोग में अपने संपर्क का नंबर ‘पाक भाई’ के नाम से सेव करके रखा था. उसका संपर्क उसे बलों में तैनाती और कश्मीर घाटी में ‘अति विशिष्ट लोगों के आगमन’ सहित कई कार्यों की जिम्मेदारी देता था. हिज्बुल मुजाहिद्दीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के बाद सिंह को उसके पाकिस्तानी आका ने विदेश मंत्रालय में संपर्क स्थापित करने को कहा ताकि वहां पर जासूसी गतिविधियां अंजाम दी जा सके.
पाकिस्तानी उच्चायोग के सदस्यों पर आतंकियों की मदद का आरोप
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि हालांकि सिंह को पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों के नापाक मंसूबे को पूरा करने में कामयाबी नहीं मिली. जुलाई के पहले सप्ताह में दाखिल आरोपपत्र में सिंह और अन्य पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों और दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायोग के सदस्यों की मदद से ‘भारत के खिलाफ युद्ध’ छेड़ने का आरोप लगाया गया है.
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सिंह के अलावा आरोपपत्र में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के स्वयंभू कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू, उसके भाई सैयद इरफान अहमद के साथ ही समूह के कार्यकर्ता इरफान शफी मीर, कथित सहयोगी रफी अहमद राठेर और ‘लाइन ऑफ कंट्रोल टेडर्स एसोसिएशन’ के पूर्व अध्यक्ष कारोबारी तनवीर अहमद वानी का नाम शामिल है.
साजिश का विवरण देते हुए एनआईए ने आरोप लगाया है कि पुलिस उपाधीक्षक सिंह सुरक्षित सोशल मीडिया मंच के जरिए नयी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारियों के साथ संपर्क में था. जांच से पता चला कि संवेदनशील सूचनाएं हासिल करने के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे तैयार किया. केंद्रीय एजेंसी ने आरोपपत्र में कहा है कि मामले में जांच से सामने आया कि पाकिस्तान प्रतिष्ठान हिज्बुल मुजाहिद्दीन की आतंकी गतिविधियों को बनाए रखने के संबंध में वित्तपोषण, हथियार देने आदि को लेकर सभी मुमकिन तरीका अपना रहा था.
सिंह को नवीद बाबू, राठेर, और मीर के साथ इस साल 11 जनवरी को गिरफ्तार किया गया. जम्मू कश्मीर पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर काजीगुंड के पास उन्हें पकड़ा था. वाहन की जांच करने पर एक एके-47 राइफल, तीन पिस्तौल और कारतूस तथा विस्फोटक मिले थे. एनआईए ने मामले की जांच का जिम्मा 17 जनवरी को संभाल लिया था.
Posted By: Amlesh Nandan.