Jammu Kashmir: उत्तराखंड के जोशीमठ में बीते दिनों कई इलाकों में दरारें पड़ने संबंधी खबरें सुर्खियों में छाई थी और अब इसी तरह की रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले से आ रही हैं. डोडा में दरार पड़ने और भूस्खलन से करीब 19 संरचनाएं प्रभावित हुई हैं, जिसके कारण यहां के लोगों में दहशत का माहौल है.
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों की एक टीम ने जोशीमठ जैसी स्थिति का विश्लेषण करने के लिए जम्मू और कश्मीर के डोडा का दौरा किया, जहां कुछ घरों में दरारें आ गई हैं. जीएसआई की टीम जांच में जुटी है और उसने नमूने लिए हैं. डोडा के डीसी विशेष पॉल महाजन ने कहा कि जीएसआई की टीम हमें विवरण देंगे कि वास्तव में यहां क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के तहत तदनुसार कार्रवाई की जाएगी.
J&K | A team of scientists from geological Survey of India visited Doda to analyse the Joshimath-like situation there where some houses have developed cracks. pic.twitter.com/EHh6hL7McY
— ANI (@ANI) February 4, 2023
वहीं, शुक्रवार को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा था कि एक भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम जम्मू-कश्मीर के डोडा में घरों में दरार पड़ने की वजह का पता लगाएगी. उन्होंने सोशल मीडिया पर यह भी बताया कि घाटी में प्रभावित घरों के निवासियों के लिए एक राहत शिविर बनाया गया है. उन्होंने लिखा, मैं डीसी डोडा विशेष महाजन के संपर्क में हूं. प्रभावित घरों के निवासियों के लिए एक राहत शिविर बनाया गया है. इस बीच, अंतर्निहित प्रेरक कारकों का अध्ययन करने के लिए एक भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण दल पहले से ही प्रभावित स्थान पर पहुंच चुका है. वहीं, डोडा के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) अतहर अमीन जरगर के मुताबिक, दिसंबर 2022 में एक घर में दरारें दिखनी शुरू हुई थीं और अब ये बढ़नी शुरू हो गई हैं.